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चीन ने जारी किया सर्कुलर, मुस्लिमों को नास्तिक बनने को कहा

chin 1 चीन ने जारी किया सर्कुलर, मुस्लिमों को नास्तिक बनने को कहा

बीजिंग। चीन की लगभग 80 फीसदी आबादी नास्तिक है, जिसके कारण वहां धार्मिक लोगों का रहना एक दो दरजे की जिंदगी जीने से कम नहीं है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपने धार्मिक नेताओं और नागरिकों के लिए नए-नए फरमान जारी करती रही है। इसी को देखते हुए चीन की पार्टी ने अपने मुस्लिम नेताओं को फरमान जारी करते हुए कहा है कि वो एक पथ पत्र पर हस्ताक्षर करें, जिसमें की ये लिखा है कि हां हम दिल से नास्तिक हैं। साफ कहें तो चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी अपने मुस्लिम नेताओं को जबरदस्ती नास्तिक बनाने पर तुली हुई है। वहीं पार्टी का कहना है कि हम ये काम इसलिए करवा रहे हैं ताकि हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं में मार्क्स के विचारों के प्रति थोड़ी सी भी नरमी न आए।

जानकारी के मुताबिक शपथ पत्र भरवाने का ये अभियान चीन के मुस्लिम बहुत लिनशिया क्षेत्र में चलाया जा रहा है। पार्टी की आधिकारिक वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गई है। पार्टी की तरफ से देशभर में इस वक्त ऐसे कई अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य जनता को धर्म से दूर रखना है। चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी भले ही लोगों को धर्म से दूर रखने के लिए प्रयास करने का दावा कर रही हो, लेकिन इस प्रकार के अभियानों को मुस्लिम बहुल इलाकों में ज्‍यादा तेजी से चलाना उसकी मंशा पर सवाल खड़े करता है। चीन के शिनजियांग प्रांत में सबसे ज्‍यादा मुस्लिम आबादी है और यहां पर चीन रोजा रखने व नमाज पढ़ने तक पर बैन लगा चुका है।chin 1 चीन ने जारी किया सर्कुलर, मुस्लिमों को नास्तिक बनने को कहा

कम्‍युनिस्‍ट पार्टी चीन की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ समय से चीन के लोगों में आध्यात्मिकता बढ़ रही है। चीन के संविधान में नास्तिकता को प्रमुखता दी गई है और कम्युनिस्ट पार्टी नास्तिकता को ही बढ़ावा देने के लिए ऐसा प्रयास कर रही है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि इस तरह के प्रयास सिर्फ मुस्लिमों के साथ ही क्‍यों कराए जा रहे हैं?  ईसाइयों के बढ़ते प्रभाव और मुस्लिमों की धार्मिक गतिविधियों से भी दिक्‍कत कम्‍युनिस्‍ट पार्टी में धार्मिक मामलों पर नजर रखने वाले वांग जुआंग ने ‘पार्टी जनरल’ में कुछ दिनों पहले एक आर्टिकल लिखा था।

इस लेख में उन्‍होंने स्‍पष्‍ट कहा था कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को धर्म से दूर रहना चाहिए, पार्टी इस बात को लेकर एकदम प्रतिबद्ध है और किसी को भी इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्‍त होते देखना नहीं चाहती है। चीन में ईसाई धर्म के प्रचार और प्रसार से भी कम्‍युनिस्‍ट को खासी चिंता हो रही है। यही कारण है कि पार्टी लोगों को इस बारे में आगाह कर देना चाहती है।

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