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मुख्य न्यायाधीश ने ‘संकल्प नाशमुख देवभूमि’ कार्यक्रम का किया शुभारम्भ

CJ nainital Highcourt ramesh Rangnathan मुख्य न्यायाधीश ने ‘संकल्प नाशमुख देवभूमि’ कार्यक्रम का किया शुभारम्भ

देहरादून। उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SLSA) की राज्य में नशीली दवाओं और अल्कोहल के दुरुपयोग को मिटाने की पहल ‘संकल्प नाशमुख देवभूमि’ का शुभारंभ उत्तराखंड उच्च न्यायालय (HC) के मुख्य न्यायाधीश (CJ) रमेश रंगनाथन ने शनिवार को किया।

योजना का उद्देश्य नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे लोगों को पहचान कर और फिर उनको पुनर्वासित करना है। यह कार्यक्रम अगले 20 कार्य दिवसों के दौरान प्रत्येक जिले में होगा और नशेड़ी की पहचान की जाएगी और फिर क्रमशः जेल और नशीली दवाओं के पुनर्वास केंद्रों को भेजा जाएगा।

इस योजना की कार्य योजना पर सवाल उठाते हुए, नाम न छापने की शर्त पर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “सबसे बड़ी समस्या यह है कि वर्तमान में सुदृढीकरण एजेंसियों के पास पेडलर्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए मजबूत कानूनी समर्थन नहीं है। एनडीपीएस एक्ट में दोषी ठहराए जाने की दर प्रक्रिया में कानूनी खामियों के बारे में ही बताती है। खुद पुलिस विभाग को एक ड्रग पेडलर को पकड़ने के लिए कई चरणों से गुजरना पड़ता है और इन सभी बाधाओं के कारण, बड़े सप्लायर कभी भी पकड़ में नहीं आते हैं। हालांकि, इस योजना में यदि राज्य न्यायपालिका वास्तव में इस अभियान के संचालन के बारे में गंभीर है, तो उन्हें पहले राज्य सरकार को प्रत्येक जिले में कम से कम एक सरकारी दवा पुनर्वास केंद्र बनाने के लिए मनाने की आवश्यकता है।”

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), पुलिस और अन्य संबंधित विभाग के सदस्यों से युक्त टास्क फोर्स पहले आपूर्तिकर्ताओं और नशेडिय़ों को गिरफ्तार करेगा, उसके बाद ड्रग्स के बड़े आपूर्तिकर्ताओं को जवाबदेह ठहराया जाएगा और जेल भेजा जाएगा जबकि नशा करने वालों को नशा भेजा जाएगा पुनर्वास केंद्र।

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