आज मुख्य छठ पूजा है. आज शाम के समय में सूर्य देव तथा छठी मैया की पूजा की जाती है. इस व्रत को संतान प्राप्ति और संतान की मंगलकामना के लिए किया जाता है. यह सबसे कठिन व्रतों में से एक है. इसकी शुरुआत 18 नवंबर से हो चुकी है. छठ पर्व में पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए सूर्य भगवान को धन्यवाद देने के लिए, महिलाएं उपवास रखती हैं, अपनी प्रार्थना करती हैं और छठ मइया की पूजा करके पूजा का समापन करती हैं. 21 नवंबर को छठ का आखिरी दिन है. इस दिन, भक्त या जो लोग अनुष्ठान कर रहे हैं, वह सात्विक भोजन करते हैं.
आज है छठ पूजा
छठ पूजा का मुख्य दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को होता है. इस दिन ही छठ पूजा की जाती है. त्योहार का तीसरा दिन मुख्य पूजा दिवस है, और इसे छठ पूजा कहा जाता है. यह कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं संध्या अर्घ्य अर्पित करती हैं. महिलाएं एक दिन का उपवास रखती हैं और अगले दिन सूर्योदय के बाद ही इसे तोड़ती हैं.
छठ पूजा की विधि
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन छठ पूजा होती है. इस दिन छठी मैया को पूजा जाता है. इस दिन ठेकुआ और कसार बनाया जाता है. जो पूजा का डाल बनाया जाता है उसे ही घाट पर ले जाया जाता है. फिर स्नान किया जाता है और उसके बाद व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देता है. साथ ही पूजा भी करता है। अर्घ्य देते समय दूध तथा गंगा जल का इस्तेमाल किया जाता है. मिट्टी और ईंट से बनी छठी मैया की विधिपूर्वक पूजा की जाती है.
कब मनाया जाता है छठ पूजा का पर्व
सूर्य देव की आराधना का ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. चैत्र शुक्ल षष्ठी और कार्तिक शुक्ल षष्ठी इन दो तिथियों को ये पर्व मनाया जाता है. हालांकि कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाये जाने वाला छठ पर्व मुख्य माना जाता है. कार्तिक छठ पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा, डाला छठ, छठी माई, छठ, छठ माई पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा आदि कई नामों से जाना जाता है.
क्यों मनाई जाती है छठ पूजा
छठ पूजा करने या उपवास रखने के सबके अपने अपने कारण होते हैं लेकिन मुख्य रूप से छठ पूजा सूर्य देव की उपासना कर उनकी कृपा पाने के लिये की जाती है. सूर्य देव की कृपा से सेहत अच्छी रहती है. सूर्य देव की कृपा से घर में धन धान्य के भंडार भरे रहते हैं. छठ माई संतान प्रदान करती हैं. सूर्य सी श्रेष्ठ संतान के लिये भी यह उपवास रखा जाता है. अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये भी इस व्रत को रखा जाता है.
छठ पूजा का शुभ मुहूर्त
20 नवंबर
छठ पूजा के दिन सूर्योदय – 06:48
छठ पूजा के दिन सूर्यास्त – 17:26
21 नवंबर- सुबह का अर्घ्य
छठ पूजा का आखिरी दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के सातवें दिन मनाया जाता है. महिलाएं, जो छठ पूजा व्रत का पालन करती हैं, इस दिन अपना व्रत तोड़ती हैं. वे सूर्य देव को अपनी प्रार्थना और जल अर्पित करते हैं.
सूर्योदय समय: सुबह 6:49 बजे
सूर्यास्त का समय: शाम 5:25 बजे.