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संशोधन विधेयक में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों पर सजा के प्रावधान में बदलाव

01 72 संशोधन विधेयक में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों पर सजा के प्रावधान में बदलाव

पटना। बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 में संशोधन विधेयक 2018 सहित तीन अन्य संशोधन विधेयकों को विधानमंडल सत्र में पेश किए जाने को बीते बुधवार को मंजूरी दे दी है। संशोधन विधेयक में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए मौजूदा सजा के प्रावधान में बदलाव कर उसे कम किए जाने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधानसचिव अरूण कुमार सिंह ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने आज कुल 33 विषयों पर विचार कर उन्हें मंजूरी प्रदान कर दी है।

 

01 72 संशोधन विधेयक में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों पर सजा के प्रावधान में बदलाव

 

गौरतलब है कि बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र आगामी 20 जुलाई से शुरू होने वाला है। बिहार में पांच अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है और इसे कड़ाई से लागू किए जाने के लिए नीतीश कुमार सरकार ने बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 को सर्वसम्मिति से विधानमंडल से पारित करवाया था पर बाद में इसके कुछ प्रावधानों को कड़ा बताए जाने व इस कानून का दुरूपयोग किए जाने का आरोप लगाते हुए विपक्ष द्वारा इसकी आलोचना की जाती रही है। 11 जून को लोकसंवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान शराबबंदी कानून में कुछ तब्दीली से संबंधित प्रश्न के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमलोगों ने राज्य में पूरी ईमानदारी से शराबबंदी कानून को लागू किया है।

इसमें कुछ कड़े प्रावधान हैं, इसके लिए कार्यक्रम में एक राय बनाने के लिए ऑल पार्टी मीटिंग की गई थी। उन्होंने कहा था कि उक्त कानून का दुरुपयोग न हो, इसके लिए मुख्य सचिव ने अधिकारियों की एक कमिटी बनायी है। कमिटी अध्ययन के आधार पर यह जानकारी देगी कि इसमें क्या सुधार किया जा सकता है। उच्चतम न्यायालय में इससे संबंधित मामला चल रहा है। लिहाजा अपने सीनियर एडवोकेट और एडवोकेट जनरल से विचार करेंगे और उसके बाद ही कुछ निर्णय लिया जाएगा। कानूनी एवं संवैधानिक पहलू को ध्यान में रखते हुए इन सब चीजों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। नीतीश कुमार ने कहा था कि शराबबंदी कानून का प्रभावकारी ढंग से पालन हो, इसके किसी अंश का दुरुपयोग न हो। हमलोगों का लक्ष्य शराबबंदी से आगे बढ़ते हुए नशामुक्त समाज बनाना है।

बिहार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने मीडिया के एक वर्ग से बातचीत करते हुए बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 में संशोधन विधेयक 2018 के बारे में आज बताया कि पहले शराब के उत्पादनकर्ता, परिवहनकर्ता, विक्रेता के लिए दस साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान था, को अब दो स्लैब में किया गया है। उन्होंने बताया कि पहली बार यह जुर्म करने वाले को उन्हें कम से कम पांच के कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है व उसके बाद भी वही जुर्म करते हैं तो उनके लिए दस साल के कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।

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