शिमला। हिमाचल प्रदेश की सत्ता से बेदखल होने के बाद पहली बार प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का दर्द छल्खा ,लेकिन कड़े अंदाज में। पूर्व सीएम ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष का बस चले तो वो मुझे भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन के नेतृत्व में लोकसभा का चुनाव जीतना दूर की कौडी है। सुक्खू नादान हैं और वो गलतियां करता रहता है लेकिन अब सब्र की भी हद होती है। प्रेस वार्ता के दौरान वीरभद्र ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को पार्टी से निकालकर कांग्रेस संगठन मजबूत नहीं होगा।
उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि मेरे हिसाब से प्रदेश संगठन में चुनाव होना चाहिए ताकि प्रदेश भर में कांग्रेस पार्टी को मजबूती मिल सके। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कामकाज पर लोगों ने अपना मत दिया, लेकिन कांग्रेस संगठन का कोई योगदान नहीं है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन में बदलाव जरूरी है। हिमाचल के पूर्व सीएम ने कहा कि मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है इसलिए अब इसमें बदलाव जरूरी है। संगठन में गतिविधियों की जानकारी चंद लोगों को होती है और आज पार्टी में फर्जी चुनाव होते हैं तो कांग्रेस प्रदेश में कमजोर पड़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में युवा व जीतने की क्षमता रखने वाले प्रत्याशियों को मैदान में उतारा जाएगा, लेकिन मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा। वीरभद्र ने कहा कि जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बने हुए बहुत कम समय हुआ है और सरकार को जमने के लिए समय लगता है इसलिए कांग्रेस पार्टी तो सहयोग दे रही है लेकिन बीजेपी का एक गुट उन्हें एक ओर खींच रहा है दूसरा गुट दूसरी ओर खींच रहा है। इतने कम समय में सरकार की आलोचना करना ठीक नहीं है। सराज हलके में 99 फीसद कार्य कांग्रेस सरकार के समय हुए हैं और अब जयराम मुख्यमंत्री बने हैं तो वे जनता व मतदाता के लिए जवाबदेह हैं।