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‘चंद्रयान2’ चांद के पार जाने को तैयार, देखें क्या है इसकी खासियत

chandrayan2 'चंद्रयान2' चांद के पार जाने को तैयार, देखें क्या है इसकी खासियत

हैदराबाद। भारत ने चंद्रयान2 को चांद पर उतारने की तारीख का ऐलान कर दिया है इसके बाद लोगों का उत्साह इसे जानने और समझने में लग गया है। 15 जुलाई की सुबह 2.51 मिनट पर चंद्रयान-2 उड़ान भरेगा। मिशन के मॉड्यूल्स की झलक इसरो (इंडिन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेश) ने बुधवार को दिखाई। 10 साल में दूसरी बार चांद पर जाने वाले मिशन से जुड़ीं पहली तस्वीरें सामने आने से इसका रोमांच और भी बढ़ गया है।

लॉन्च वीइकल से आसान होगा रास्ता

चंद्रयान-2 मिशन के तीन मॉड्यूल्स में से एक ऑर्बिटर, लैंडर और एक रोवर है जिन्हें लॉन्च वीइकल जीएसएलवी एमके lll स्पेस में लेकर जाएगा। खास बात यह है कि इस लॉन्च वीइकल को भारत में ही बनाया गया है। चंद्रयान-2 के लैंडर को विक्रम और रोवर को प्रज्ञान नाम दिया गया है। रोवर प्रज्ञान को लैंडर विक्रम के अंगर रखा जाएगा और चांद की सतह पर विक्रम के लैंड होने पर इसे डिप्लॉय किया जाएगा।
चंद्रयान-2 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। भारत 10 साल में दूसरी बार चांद पर मिशन भेज रहा है, चंद्रयान-1 2009 में भेजा गया था। हालांकि, उसमें रोवर शामिल नहीं था। चंद्रयान-1 में केवल एक ऑर्बिटर और इंपैक्टर था जो चांद के साउथ पोल पर पहुंचा था। इसरो के मुताबिक ऑर्बिटर मिशन के दौरान चांद का चक्कर लगाएगा और फिर चांद के साउथ पोल के पास लैंड होगा।

चांद की सतह पर पहुंचने पर 6 पहियों वाला प्रज्ञान सतह छोड़ दिया जाएगा जहां यह एक्सपेरिमेंट करेगा। ये सब धरती पर बैठे इसरो के साइंटिस्ट कंट्रोल करेंगे। भारत के लूनर मिशन को आगे ले जाने के अलावा चंद्रयान दो अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद भी करेगा। यह अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का एक एक्सपेरिमेंट भी लेकर जाएगा।

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