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काम के लिए लैपटॉप का प्यार, दे रहा अनचाहे दर्द की मार

काम के लिए लैपटॉप का प्यार, दे रहा अनचाहे दर्द की मार

लखनऊ: कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन से लोग ज्यादातर अपना समय टीवी देखने, मोबाइल पर चैटिंग करने और गेम्स खेलने में व्यतीत करते हैं। अभी भी सरकारी और प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी लैपटॉप के जरिए वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं।

लगातार कई घंटों तक एक पोजिशन में बैठे रहने से लोगों को जोड़ों में दर्द, सूजन जैसी तरह-तरह की समस्याएं हो रही हैं। खासकर युवा पीढ़ी इस समस्या से काफी प्रभावित है। अब ऐसे में लोग हड्डी रोग विशेषज्ञ और फिजियोथैरेपिस्ट के पास इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कॉल पर परामर्श ले रहे हैं।

50 फीसदी बढ़े मरीज

बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील यादव के मुताबिक, कोरोना काल में लोग समय काटने के लिए घंटों आड़े-तिरछे लेटकर टीवी देखते रहते हैं। इसके अलावा झुककर मोबाइल पर चैट और गेम्स खेलते हैं। जबकि वर्क फ्रॉम होम के चलते लोग गलत पोजिशन में बैठकर लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करते हैं।

इससे उन्हें सर्वाइकल, कमर दर्द, पीठ दर्द, कंधे का दर्द, पैरों में सूजन, मांसपेशियों में अकड़न जैसी समस्या हो रही है। उन्‍होंने बताया कि सामान्य दिनों के मुकाबले पिछले डेढ़ साल से करीब 50 फीसदी ऐसे मरीज बढ़े हैं।

डेढ़ साल में बदल गई लाइफस्टाइल

फिजियोथैरेपिस्ट अतुल गिरि का कहना है कि आमतौर पर उम्रदराज़ लोग मांसपेशियों की समस्या का शिकार रहते हैं। पिछले डेढ़ साल से ज्यादातर युवाओं में सर्वाइकल, कमर दर्द, पीठ दर्द और मांसपेशियों में अकड़न की समस्या हो रही है। उन्‍होंने बताया कि दिनभर में 20 से 25 लोग परामर्श लेने के लिए कॉल करते हैं, जिनको पहले से गठिया रोग और मोटापे की समस्या है।

अतुल गिरि ने बताया कि, उनकी परेशानी और भी विकराल हो चुकी है। उन्‍होंने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन से अब तक लोगों की लाइफस्टाइल प्रभावित हुई है। अगर वाकई इस तरह की समस्याओं से छुटकारा पाना है, तो अपनी आदतों को बदलना होगा।

नियमित करें योग

होम्योपैथिक डॉ. रत्नाकर त्रिपाठी कहते हैं कि शारीरिक तौर पर फिट रहने के लिए एक ही स्थान पर लंबे समय तक लगातार न बैठें। बीच-बीच में उठकर चलते रहें। टीवी लेटकर न देखें, हमेशा सीधे बैठकर देखें और लगातार न देखें। लैपटॉप पर काम करते समय बीच-बीच में गर्दन, हाथ और कंधों का मूवमेंट करें। गर्दन को आगे-पीछे, दाएं-बाएं घुमाएं। आधे घंटे के अंतराल में थोड़ा उठकर चलें।

उन्‍होंने बताया कि, जब आप कुर्सी पर बैठकर काम कर रहे हैं तो 30 से 40 मिनट बैठने के बाद कुछ देर टहलें और बीच-बीच में पैरों, घुटने, कोहनी और हाथों का मूवमेंट बदलते रहें। मोबाइल का सीमित प्रयोग करें। इसके अलावा लगातार झुककर कोई भी काम न करें। इससे परेशानी बढ़ सकती है। सोते समय मोटे तकिए का इस्तेमाल न करें। नियमित रूप से योग, व्यायाम और शरीर की स्ट्रेचिंग करें। यदि समस्या ज्यादा है तो कोई व्यायाम डॉक्टर से परामर्श के बाद ही करें।

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