नई दिल्ली। हिंसा प्रभावित जम्मू एवं कश्मीर में खाद्य पदार्थो की भारी किल्लत के मद्देनजर, केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्य के अधिकारियों को आश्वस्त किया कि घाटी में जनवितरण के लिए तीन महीने का अग्रिम राशन दिया जाएगा। खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों ने यहां कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अधिकारियों के एक दल का गठन किया जाएगा, जो राज्य में आधुनिक खाद्य सामग्री संरक्षण प्रणाली की स्थापना की व्यवहार्यता का आकलन करेगा।
केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने ट्वीट कर कहा, “कश्मीर खाद्य सामग्रियों की भारी किल्लत झेल रहा है, इसलिए केंद्र ने घाटी में जन वितरण में तीन महीने का अनाज अग्रिम तौर पर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।”
खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि राज्य वर्तमान में जनवितरण प्रणाली के माध्यम से मासिक आधार पर खाद्य सामग्री मुहैया करा रहा है। पासवान ने कहा, “जम्मू एवं कश्मीर ने एक नई योजना की शुरुआत की है, जिसमें प्रत्येक राशनकार्ड धारक को पांच किलोग्राम तक अनाज मुहैया कराया जा रहा है, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत मिलने वाले अनाज की मात्रा से अधिक है।”
पासवान ने गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर के खाद्य मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली से मुलाकात की। अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राज्य को सालाना 7.51 लाख टन अनाज की जरूरत है। राज्य ने कम कीमत पर अतिरिक्त 4.30 लाख टन अनाज की मांग की है। कश्मीर के जनवितरण लाभार्थियों को तीन महीने की अग्रिम आपूर्ति के तौर पर लगभग 1.87 लाख टन आनाज उपलब्ध कराया जाएगा।
(आईएएनएस)