जम्मू-कश्मीर। कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों के जवानों के साथ पत्थरबाजी और बदसलूकी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। युवाओं को घाटी में अकसर पत्थरबाजी करते हुए देखा जा सकता है। आतंकियों को रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई में भी ये युवा रोढ़ा बनते हैं।
ऐसे में एक निजी चैनल की पड़ताल में ये सच सामने आया है कि इन युवाओं को फाकिस्तान से फंडिग कराई जाती है। खबर के अनुसार घाटी में हो रहे इन उपद्रवों में पाकिस्तान का हाथ है, क्योंकि इन युवाओं को पाकिस्तान से कैशलैस फंडिग कराई जाती है।
चैनल ने दावा किया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने युवाओं तक पैसे पहुंचाने के लिए नई तरकीब इजाद की है जिसके जरिए वो घाटी में तनाव की स्थिति पैदा कर रहा है। चैनल के अनुसार पत्थरबाजों को पैसा देना के लिए पाकिस्तान वस्तु विनिमय प्रणाली (बार्टर सिस्टम) का सहारा ले रहा है। इस प्रणाली में लोग सामान का आदान-प्रदान करते हैं। पहले इस तरह से ही लोग व्यापार करते थे।
ऐसे होती है कैशलैस फंडिग:-
दरअसल पीओके के साथ 2008 से इस बार्टर प्रणाली के जरिए 21 सामानों का व्यापार होता था, ऐसा दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और वहां रहने वाले नागरिकों को सुविधा मुहैया कराने के मकसद से किया गया था। लेकिन पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं ने अब इसका इस्तेमाल कश्मीर घाटी में तनाव फैलाने के लिए शुरू कर दिया है।
इस तरह पहुंचता है पैसा:-
चैनल के सूत्रों की मानें तो इस काम यानि कैशलैस फंडिंग के लिए पीओके में फंड मैनेजरों को तैनात किया गया है। जिनका काम सरहद पर सामान के आदान-प्रदान पर फर्जी इन-वॉयसिंग का सहारा लेना है। आयात और निर्यात के सामान की कीमत कम करके दिखाई जाती है और बाकी पैसे का बड़ा हिस्सा अलगाववादियों तक पहुंचाया जाता है।