नई दिल्ली। कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) 18 फरवरी से 21 फरवरी के बीच सुनवाई करेगी। आईसीजे ने बीते बुधवार को जारी एक बयान में ये बात कही। जाधव को अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी।
पाकिस्तान की अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी
बता दें कि आईसीजे ने बयान में कहा कि 18 फरवरी से होने वाली सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी और यह अंग्रेजी और फ्रेंच भाषा में उपलब्ध रहेगी। लाइव स्ट्रीमिंग आईसीजे की वेबसाइट और संयुक्त राष्ट्र के ऑनलाइन टेलीविजन पर होगी। पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा जासूसी और आतंकवाद के आरोप में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा दिए जाने के बाद भारत आईसीजे गया था। 18 मई 2017 को आईसीजे की 10 सदस्यीय बेंच ने सुनवाई पूरी होने तक पाकिस्तान की अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।
पाकिस्तान ने जाधव को काउंसलर ना देकर विएना संधि का उल्लंघन किया
इसी साल 23 जनवरी को आईसीजे ने भारत और पाकिस्तान को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। लिखित जवाब में भारत ने कहा था कि पाकिस्तान ने जाधव को काउंसलर ना देकर विएना संधि का उल्लंघन किया। उधर पाकिस्तान ने अपने जवाब में कहा था कि जब इस बात से इनकार नहीं कर रहा है कि जाधव मुस्लिम नाम से बने पासपोर्ट पर ट्रैवल कर रहा है, तो केस का आधार ही नहीं है। भारत ये नहीं बता पा रहा है कि नेवी अफसर कैसे एक नेवी अफसर काल्पनिक नाम से यात्रा कर रहा था।
मार्च 2016 में कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान से पकड़ा था
वहीं पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसके सुरक्षा बलों ने मार्च 2016 में कुलभूषण जाधव को बलूचिस्तान से पकड़ा था। वह यहां ईरान से दाखिल हुआ था। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से कहा था कि जाधव की मंशा जासूसी और विध्वंसक गतिविधियां करने की थीं। भारत ने आईसीजे से कहा था कि कुलभूषण के मामले में पाकिस्तान में एकतरफा सुनवाई की गई और उन्हें कानूनी मदद भी नहीं मिली। जाधव व्यापार के लिए ईरान गए थे और वहां से उनका अपहरण किया गया था।