लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उन्नाव दुष्कर्म मामले में बुधवार देर रात बड़ा फैसला लेते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई को सुपुर्द करने की संस्तुति कर दी। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद पुलिस ने देर रात आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इस मामले में दो चिकित्सकों और पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी को निलंबित भी कर दिया गया।
आरोपी विधायक कुलदीप के खिलाफ धारा 363, 366, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। सरकार ने पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने का भी आश्वासन दिया है।
मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सीएमएस डा0 डीके द्विवेदी, ईएमओ डा0 प्रशांत उपाध्याय और शफीपुर के क्षेत्राधिकारी कुंवर बहादुर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। तीन चिकित्सकों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैैं।
योगी सरकार ने यह कार्रवाई एसआईटी की जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद लिया। एसआईटी रिपोर्ट में विधायक को आरोपी बताया गया है।
प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी के अनुसार इस मामले में जेल के डीआईजी लव कुमार और जिलाधिकारी उन्नाव द्वारा भी अलग-अलग जांच रिपोर्ट को कल देर रात मिली। इसके बाद शासन ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि एसआईटी की जांच में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मारपीट की साजिश रचने का आरोपी बताया गया है, जबकि उनके भाई अतुल सिंह को पीड़िता के पिता के साथ मारपीट में दोषी पाया गया है। रिपोर्ट में उन्नाव पुलिस को भी दोषी बताया गया है और पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच का सुझाव भी दिया गया है।
गौरतलब है कि घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था और एसआईटी से अपनी रिपोर्ट 24 घंटे में देने का निर्देश भी दिया था। दरअसल पीड़ित किशोरी ने आठ अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास के सामने परिवारीजन के साथ आत्मदाह का प्रयास किया था। इस घटना के दूसरे दिन पीड़िता के पिता की न्यायिक अभिरक्षा में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी हत्या किये जाने की पुष्टि हुई है।
इस बीच कल रात करीब 11.40 बले उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के आवास पहुंचे और थोड़ी देर बाद वह वहां से वापस चले गये। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘मैं भगोड़ा नहीं हूं।’ हालांकि देर रात तक यही कयास लगाये जा रहे थे कि आरोपी विधायक सेंगर एसएसपी के यहां सरेंडर करेंगे, लेकिन थोड़ी देर बाद ही सेंगर वहां से चले गये। इस दौरान एसएसपी आवास के बाहर जमा पत्रकारों से सेंगर ने कहा कि मीडिया दिनभर उन्हें भगोड़ा घोषित करती रही, इसलिए वह यहां आये थे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ साजिश की गयी है। उन्होंने अपने को निर्दोष बताया।
इस मामले में विधायक कुलदीप के भाई अतुल सेंगर को मंगलवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पहले चार लोग और इस मामले में गिरफ्तार किये जा चुके हैं।