नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं की देश का 68 फीसदी दूध खाद्य गुणवत्ता की मानीटरिंग करने वाली संस्था एफएसएसएआई के मानक पर खरा नहीं उतरता। देश में हर तीन में से दो लोग यूरिया, कॉस्टिक सोडा, डिटर्जेंट मिला दूध पीने को विवश हैं। यह खुद केंद्र सरकार के सर्वे में सामने आ चुका है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दूध के नाम पर किस कदर जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ चल रहा है।
दूध में ऐसी होती है मिलावट।
पहले दूध में केवल पानी मिलाया जाता था। मगर अब यूरिया, सर्फ, स्टार्च धड़ल्ले से मिलाया जा रहा है। इस दूध के सेवन से मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
कैसे करें अपने दूध की जांच:-
दूध में मिलावट की जांच के लिए कई तरीके इस्तेमाल में लाए जाते हैं। किसी चिकनी लकड़ी पर दूध की दो से तीन बूंदे टपकाएं। अगर दूध बहता हुए नीचे की तरफ गिरे और सफेद धार जैसा निशान बने तो समझें दूध शुद्ध है। वहीं दूध में मिलावट की जांच के लिए लैक्टोमीटर भी प्रयुक्त होता है। लैक्टोमीटर के 30 यूनिट से ज्यादा डूबने पर पता चलता है कि दूध में पानी या अन्य तरह की मिलावट हुई है।