लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर ने लोगों के जहन में एक खौफ पैदा कर दिया है। जिस तरह की आफत टूटी है, उसने आम जनमानस को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन की कमी ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पूरी पोल खोलकर रख दी है।
इस महामारी पर लगाम लगाने की कवायदों में व्यापारी वर्ग एक बार फिर सबसे आगे दिख रहा है। सबसे पहले सरकार के आदेशों का इंतजार किए बगैर सभी व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं। ताकि कोरोना की चेन को तोड़ा जा सके। अब जब ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत है तो खुद के पैसों से लोगों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद रहे हैं। ताकि लोगों की मदद की जा सके। ऑक्सीजन के अभाव में किसी की सांसे ना थमें।
यूपी का हाल बेहाल
यूपी में आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 अप्रैल को 22439 रोगी मिले। जबकि 104 की मौत हुई। 16 अप्रैल को यह आंकड़ा 27426 हो गया। जबकि, मौतें आंकड़ों के हिसाब से 103 हुईं। 17 अप्रैल को यूपी में 27357 लोग पॉजिटिव हुए जबकि 120 लोग कोरोना के काल के गाल में समा गए। 18 को 30596 लोग कोरोना की चपेट में आए जबकि 129 मौतें हुईं। 19 अप्रैल को 28287 पॉजिटिव हुए और 167 ने जान गंवाईं। 20 अप्रैल को 20754 पॉजिटिव पाए गए और 163 लोगों ने सरकार के आंकड़ों के हिसाब से दम तोड़ा।
सबसे भयावह हैं लखनऊ के हालात
यूपी के सबसे प्रभावित जिलों में हम बात करें तों राजधानी लखनऊ के हालात सबसे ज्यादा भयावह हैं। केजीएमयू, पीजीआई, लोहिया सस्थान जैसे बड़े संस्थानों के हाल बेहाल हैं। यहां बेड मिलना लगभव असंभव हो रहा है। कोई एंबुलेंस के इंतजार में दम तोड़ रहा है तो कोई दवा के अभाव में। जबकि मुख्यमंत्री से लेकर तमाम सरकारी अमला यहां बैठा हुआ है, उसके बाद भी स्थिति नियंत्रण से बाहर है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 15 से 20 अप्रैल तक लखनऊ में 34156 लोग कोरोना की चपेट में आए। जबकि, 160 की मृत्यु हुई।
ताकि बचा सकें जिंदगियां, एक बार और आए आगे
समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर न मिलने के कारण कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। इससे सबक लेते हुए लखनऊ के व्यापारी नवीन अरोरा ने अपने साथियों के साथ मिलकर जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद रहे हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों की मदद की जा सके। नवीन ने बताया कि इस नेक काम में उनके साथ लोहा व्यापार मंडल के अध्यक्ष विशाल अग्रवाल भी साथ दे रहे हैं।
दोनों लोग कहते हैं कि अपनी आंखों के सामने लोगों को मरता देख रहे हैं। ये समस्या विकराल हो रही है, यह किसी के भी साथ हो सकता है। इसलिए हमने करीब 100 जंबो सिलेंडर लेने की योजना बनाई है, लेकिन अभी तक 10-12 ही मिल पाए हैं। खुदा न करे लेकिन कभी मेरे घर, पास-पड़ोस, दोस्त-रिश्तेदार के यहां नौबत भी आए तो समय पर ऑक्सीजन मिल सके। समय-समय पर इसको रिफिल करवाते रहेंगे। क्योंकि ये जो हालात हैं कभी भी आ सकते हैं। इसलिए खुद ही सतर्क रहना होगा।
सराफा एसोसिएशन भी खरीद रहा ऑक्सीजन सिलेंडर
लखनऊ सराफा एसोसिएशन के संगठन मंत्री आदिश जैन ने बताया कि उन्होंने अपने संगठन से मीटिंग की है। जल्द ही हम भी ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीद करेंगे। ताकि कभी किसी को आपातकालीन मदद दी जा सके। उन्होंने बताया कि हालात बुरे हैं। इससे हमें सबक लेना होगा। इस महामारी का खतरा इतना है कि आप जितने भी जतन करो कम ही पड़ते जा रहे हैं। एहतियातन हम पहले से तैयार रहेंगे तो शायद मुश्किल कम हो। उन्होंने बताया कि जल्द ही हम खरीद कर लेगे।
रिफिलिंग का संकट
व्यापारियों ने मदद को हाथ आगे तो बढ़ाया है लेकिन एक संकट भी सामने आ गया है। ऑक्सीजन सिलेंडर को भरवाने का संकट खड़ा हो गया है। क्योंकि वहां पर भी लंबी कतारें लगी हैं। साथ ही कई तरह की दिक्कतें सामने आ रहीं हैं।