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शोपियां में 5 आतंकियों को ढेर किए जाने के बाद बुरहान वानी गैंग का सफाया

burhan wani शोपियां में 5 आतंकियों को ढेर किए जाने के बाद बुरहान वानी गैंग का सफाया

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों की ओर से बीते रविवार को 5 आतंकियों को ढेर किए जाने के बाद बुरहान वानी गैंग का सफाया हो गया है। मुठभेड़ में मारा गया हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर सद्दाम पैडर बुरहान वानी गैंग का आखिरी मेंबर था। 2015 में बुरहान संग 11 आतंकियों की तस्वीर सोशल मीडिया में आई थी, जिससे समूची घाटी में सनसनी फैल गई थी। बुरहान 8 जुलाई 2016 को एनकाउंटर में मारा गया था। इसके बाद से ही ये आतंकी सेना और अन्य सुरक्षा बलों के निशाने पर थे।

burhan wani शोपियां में 5 आतंकियों को ढेर किए जाने के बाद बुरहान वानी गैंग का सफाया

5 घंटे चली मुठभेड़ में ढेर हुए पांचों

बता दें कि करीब पांच घंटे चली मुठभेड़ में पांचों आतंकी मारे गए। सेना और एसओजी के एक-एक जवान भी घायल हुए हैं। सद्दाम पर 15 लाख का इनाम था। मारे गए अन्य आतंकी तौसीफ शेख, आदिल मलिक और बिलाल उर्फ मौलवी हैं। बिलाल पुलवामा का इनचार्ज और आदिल आतंकी संगठन के लिए फंड जुटाता था।

जानें, कौन थे ये 11 आतंकी

वहीं बुरहान वानी गैंग में शामिल 11 लोगों में से 10 लोग मारे गए हैं, जबकि एक अन्य तारिक पंडित ने सुरक्षा बलों के समक्ष सरेंडर कर दिया था। मारे गए आतंकियों के नाम हैं- सद्दाम पैडर, बुरहान वानी, आदिल खांडे, नसीर पंडित, अफ्फाक बट, सब्जार बट, अनीस, अश्फाक डार, वसीम मल्ला और वसीम शाह।

36 घंटे ही आतंकी रहा प्रफेसर

साथ ही कश्मीर यूनिवर्सिटी में सोशल साइंस का असिस्टेंट प्रफेसर मोहम्मद रफी बट अचानक शुक्रवार दोपहर लापता हो गया था। गंदरबल के चुनडिना इलाके के रहने वाले बट ने उस दिन आखिरी बार मां से बात की थी, लेकिन अपने आतंकी मंसूबों की भनक नहीं लगने दी। रविवार सुबह बट ने शोपियां से पिता को फोन कर उन्हें दुख पहुंचाने के लिए माफी मांगी। पुलिस टीम के कहने पर परिवार वाले उन्हें सरेंडर के लिए मनाने आए, पर तब तक मौत हो चुकी थी। नैशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह उन लोगों के लिए जवाब है, जो घाटी की हिंसा के हल के रूप में नौकरी और विकास को देखते हैं।

मसखरा सद्दाम पहले पत्थरबाज था, फिर आतंकी बना

बता दें कि शोपियां के हेफ गांव का सद्दाम पैडर स्कूल छोड़ने के बाद पिता के साथ भेड़ों की देखभाल करता था। किसी की नकल उतारने में वह बहुत माहिर था। बचे समय में गांव के चौराहे पर वह इसके जरिए लोगों को हंसाता या फिर मैदान में विकेट कीपिंग करता नजर आता था। धीरे-धीरे वह पत्थरबाजों के साथ आया और आतंकियों को लिए काम करने लगा। साल 2014 में वह देशविरोधी प्रदर्शन में पकड़ा गया। अचानक एक दिन वह गायब हो गया और फिर उसकी तस्वीर बुरहान के साथ नजर आई। बुरहान के बाद सद्दाम ने शोपियां, पुलवामा, अवंतीपुरा में हिजबुल के काडर को संभालने, नए लड़कों की भर्ती और नए ठिकाने तैयार करने में अहम भूमिका निभाई।

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