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सत्ता के चक्कर में सबकुछ भूले केजरीवाल : अन्ना हजारे

anna hazare सत्ता के चक्कर में सबकुछ भूले केजरीवाल : अन्ना हजारे

रालेगण सिद्धि। कभी एक साथ मंच साझा करने वाले अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल की राह अब अलग हो चुकी है। लेकिन हाल ही में आई शुंगली कमेटी की रिपोर्ट के खुलासे पर अन्ना हजारे ने कहा कि केजरीवाल ने उनके विश्वास को तोड़कर रख दिया है।

anna hazare सत्ता के चक्कर में सबकुछ भूले केजरीवाल : अन्ना हजारे

आरोपो से मुझे पहुंची ठेस:-

जन आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि केजरीवाल पर लगे आरोपों पर अफसोस है। शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट को जानने के बाद मुझे काफी ठेस पहुंची है। अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में मेरा सहयोगी था। मुझे लगा था पढ़े लिखे अभी का युवा इस आंदोलन में मेरी सहायता कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सपना टूट गया।

केजरीवाल सत्ता के चक्कर में आकर भूले सबकुछ:-

केजरीवाल पर सिद्धातों का भूलने का आरोप लगाते हुए अन्ना ने कहा कि सत्ता के चक्कर में आकर वो सब कुछ भूल चुके हैं। जब उन्होंने आप पार्टी बनाई तो मुझे इस बात का एहसास हुआ कि आखिर वो मुझे गुरु क्यों कहा करता था। जब से वो दिल्ली की सीएम बना मेरी उससे मिलने की इच्छा नहीं हुई। मेरी शख्सियत बर्बाद हो जाती, भगवान का शुक्र है कि उन्होंने मुझे बचा लिया।

पढ़ें एमसीडी चुनाव से पहले क्यो परेशान है केजरीवाल 

जानिए क्या है शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट?

दिल्ली नगर निगम चुनाव के प्रचार में जुटे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बड़ा झटका लगा है। पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने जो शुंगली कमेटी बनाई थी उसकी रिपोर्ट में एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा गया है कि केजरीवाल ने सत्ता का दुरुपयोग किया है।

-कमेटी ने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक के सलाहकार पद पर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी की नियुक्ति को गलत बताया है।

-निकुंज अग्रवाल को स्वास्थ्य मंत्री का ओएसडी और रोशन शंकर को पर्यटन मंत्रालय में ओएसडी नियुक्त करने पर भी सवालिया निशान खड़े किए गए है। इसमें कहा गया है कि शंकर को ऐसे पर नियुक्त किया गया है जिसका पहले कोई भी अस्तित्व नहीं था और उपराज्यपाल की परमीशन भी नहीं ली गई।

-इस रिपोर्ट में दिल्ली में आवास आवंटन को भी अनुचित ठहराया गया है।

-दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बनने से पहले आवास मुहैया करा दिया गया तो वहीं आप के विधायक अखिलेश त्रिपाठी को अनुचित ढंग से टाइप 5 बंगला दिया गया।

-शुंगली कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को जमीन आवंटन से जुड़ा कोई भी अधिकार नहीं है और उसे ऐसा करने से पहले उपराज्यपाल को फाइल भेजनी चाहिए लेकिन सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मनमाने ढंग से इसका दुरुपयोग किया।

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