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बिहार सरकार का बड़ा फैसला 3 लाख संविदा कर्मीयों की चमकेगी किस्मत

संविदा बिहार सरकार का बड़ा फैसला 3 लाख संविदा कर्मीयों की चमकेगी किस्मत

बिहार सरकार के अनेक विभागों में सेवारत संविदा कर्मचारियों को  बिहार सरकार ने पर्मानेंन्ट करने का फैसला किया है। संविदा को पर्मानेंन्ट करने के लिए  एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिते ने 360 पेज की रिपोर्ट तैयार कर ली है। समिति द्वारा तैयार रिपोर्ट में संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों का स्थायीकरण कैसे करना है, इसका विवरण विस्तार से किया है।

 

संविदा बिहार सरकार का बड़ा फैसला 3 लाख संविदा कर्मीयों की चमकेगी किस्मत

 

शीघ्र ही मुख्यमंत्री को यह रिपोर्ट समिति भेजेगी। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद राज्य सरकार निर्णय लेगी। राज्य के करीब 3 लाख संविदा कर्मी इससे लाभान्वित होंगे।

आपको बता दें कि संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों की सेवा भी 60 साल की उम्र तक हो जाए। इसलिए संविदा कर्मियों की नौकरी पर्मानेंन्ट करने के लिए पूर्व मुख्य सचिव एके चौधरी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था।

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संविदा कर्मियों का वेतन

फिलहाल संविदा कर्मचारियों के स्थायी होने के बाद इन कर्मियों का वेतन क्या रहेगा इस इस पर समिति ने कोई सुझाव अपनी रिपोर्ट में नहीं दिया है। वेतन तय करना समिति के कार्य का हिस्सा भी नहीं था। हालांकि बाद में इस पर निर्णय कियाजा सकता है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में इसका विशेष ध्यान रखा है।

खास बात है कि संविदा कर्मियों के स्थायीकरण के लिए अपनाए जाने वाले नियम सुप्रीम कोर्ट अथवा हाईकोर्ट के किसी निर्णय के खिलाफ नहीं हों। इसका ध्यान समिति ने रखा है।  सभी विभागों के साथ  अलग-अलग कई चरणों में बैठक करने के बाद समिति ने रिपोर्ट तैयार की है।

 

समिति का गठन 28 अप्रैल 2015 को किया गया था। तब यह कहा गया था कि तीन महीने में समिति रिपोर्ट देगी। लेकिन संविदा कर्मियों की संख्या ज्यादा होने के कारण रिपोर्ट तैयार करने में समय लगा। कई मामलों में न्यायालयों के आदेश का भी अध्ययन किया है। इस कारण समिति का कार्यकाल बढ़ता रहा है। अभी इसका कार्यकाल अगस्त 2018 तक है।

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संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों की संख्या

गौरतलब है कि संविदा कर्मचारियों की सबसे अधिक संख्या ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा, वित्त, सूचना प्रावैधिकी, पंचायती राज विबागों में अधिक है।सुझावों को कार्यान्वित कैसे किया जाए, इसकी जिम्मेदारी भी समिति पर ही होगी। समिति इसमें सहयोग करेगी। साथ ही वेतन निर्धारण और नियमित अंतराल पर वेतन वृद्धि का प्रावधान करेगी। हालांकि यह कार्य रिपोर्ट पर राज्य सरकार के निर्णय के बाद होगा।

 

 समिति के अध्यक्ष बिहार के पूर्व सचिव हैं

पूर्व मुख्य सचिव अशोक चौधरी उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष हैं। वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य, पथ निर्माण, जल संसाधन और विधि विभाग के प्रधान सचिव सदस्य हैं। समान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव सदस्य सचिव हैं।

 

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