आम तौर पर शादी में सात वचन दिए जाते हैं। लेकिन अब बिहार में सात फेरों के बाद एक शपथ पत्र देना अनिवार्य हो गया है। आठवें वचन में शपथ पत्र के तौर पर यह लिखकर देना होगा कि शादी में ना ही कोई दहेज लिया-दिया गया है और ना ही यह बाल विवाह है। कई दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
सीएम नीतीश कुमार की लड़ाई के तहत बिहार के अंदर सभी शादियों में ऐसा करना अनिवार्य होगा। इस शपथ पत्र को भरवाने के लिए हॉल प्रबंधकों जिम्मेदार होंगे। यहीं नहीं अब बिना इस शपथ पत्र के हॉल भी बुक नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा चलाए जा रहे बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान में लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अगर आंकड़ों के हिसाब से बात की जाए तो बिहार दहेज हत्या के मामले में देश का दूसरा राज्य है।
वही बिहार में आज के वक्त में भी 40 प्रतिशत बाल विवाह कराए जाते हैं। बिहार में आए दिन बाल विवाह और दहेज उत्पीड़न के मामले सामने आते ही रहे हैं। आपको बता दें कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन सीएम नीतीश कुमार ने सभी स्कूलों, अस्पतालों, कॉलेज, दफ्तरों आदि में लोगों को यह शपथ दिलाई थी कि वह बाल विवाह और दहेज देने-लेने का बहिष्कार करेंगे।