नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसान में रोष उत्पन्न हो गया है। देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान संगठन देश की राजधानी दिल्ली की ओर कूच कर रहे है। वहीं पिछले 7 दिनों से किसानों से दिल्ली में डेरा डाल रखा है। किसानों का कहना है कि जब तक इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है तब तक सभी किसान वहीं डटें रहेंगे। कल विज्ञान भवन में किसान नेताओं के साथ हुई सरकार की बैठक बेनतीजे रही। किसानों के मुद्दे को लेकर आगे भी ऐसी बैठकें होती रहेंगी। इसी बीच कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने बुधवार को NDTV से बातचीत में कहा कि किसान आंदोलन को लेकर सरकार का रवैया दुखदायी है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस किसान आंदोलन से सबक लेकर मजबूती से उभरेगी।
किसानों के प्रदर्शन को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा-
बता दें कि किसान आंदोलन ने राष्ट्रीय राजनीति के परिदृश्य में हलचल मचा दी है। पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों के किसान दिल्ली चलो के आह्वान के साथ दिल्ली की कई सीमाओं पर डटे हुए हैं। जहां उन्हें दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने नहीं आने दिया जा रहा। किसान आंदोलन पर सवाल पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि मैं किसानों का मुद्दा एक संवेदनशील कलाकार और व्यक्ति के तौर पर देखता हूं। उनके साथ जो हो रहा है, वो दुखदायी है। वो कहावत है कि ‘nip the bud in the beginning’ वैसा ही हो रहा है। सब जानते हैं कि यह कृषि कानून किस तरह बनाए गए हैं। जिस तरह संसद में यह कानून पास किया गया या कराया गया। अब लोगों को विश्वास नहीं रह गया है। मैं पूरे सम्मान के साथ कह रहा हूं कि सरकार और नेतागण अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। चाहे वो कोई भी मामला हो या फिर बड़े-बड़े वायदे हों। ये आज तक कभी भी किसी भी कसौटी पर खरे नहीं उतरे हैं। सिन्हा ने किसानों को उनकी एकजुटता और अनुशासन पर बधाई भी दी।
कांग्रेस का भविष्य बहुत उज्ज्वल- शत्रुघ्न सिन्हा
उनसे पूछा गया कि क्या उनका मानना है कि कांग्रेस को राहुल गांधी के आगे देखना चाहिए? इसपर उन्होंने कहा कि ‘मुझे अभी भी कांग्रेस का भविष्य बहुत उज्ज्वल दिखता है। कांग्रेस के चाणक्य अहमद पटेल साहब गुजरे हैं, हम चिंता में हैं कि उनकी कमी खलेगी। हम चिंतन कर रहे हैं कि पार्टी की खामियों को दुरुस्त करें। मैं मानकर चलता हूं कि देश में तमाम गतिरोध के बावजूद विकल्प कांग्रेस ही है। कांग्रेस को अपनी समीक्षा करके किसान आंदोलन से सबक लेगी और मजबूती के साथ उभरेगी।