उत्तराखंड

आयुष विद्यार्थियों को बढ़ी फीस वापस देने पर खामोश है प्रशासन, हाईकोर्ट का आदेश ताक पर

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देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमंडल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात कर आयुष पद्धति के अंतर्गत चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों की फीस वृद्धि मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा।
मुख्य सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को कार्रवाई का भरोसा दिलाया, नेगी ने कहा की प्रदेश में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबद्ध राज्य भर के आयुष पद्धति के अंतर्गत संचालित निजी क्षेत्र के असहायतित चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों द्वारा की गई शुल्क वृद्धि के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश में शुल्क वृद्धि पर रोक लगाई गई थी तथा स्पष्ट रूप से कहा था कि जिन संस्थानों द्वारा बढ़ी हुई फीस ली गई हो वह तत्काल छात्रों को वापस करें।
महत्वपूर्ण तथ्य यह है की न्यायालय के निर्देशों के क्रम में शासन द्वारा कुलपति/ कुलसचिव, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को कार्यवाही हेतु पत्र प्रेषित कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, लेकिन 6 माह से अधिक समय बीतने के उपरांत भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही छात्रों से वसूली गई अतिरिक्त फीस वापस दिलाई गयी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में बीएएमएस हेतु 80,000 के स्थान पर 2,15,000 प्रतिवर्ष एवं बीएचएमएस 73,600 के स्थान पर 1,10,000 के हिसाब से फीस वृद्धि की गई थी। मोर्चा ने व्यंग कसते हुए कहा कि जब मा. न्यायालय एवं शासन के निर्देशों पर ही कार्रवाई नहीं हो रही तो कैसा जीरो टोलरेंस। प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, मो. असद, प्रवीण शर्मा पिन्नी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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