नई दिल्ली। पांच राज्यों में संपन्न विधान सभा चुनावों के बाद ईवीएम मशीन को लेकर विपक्षी दलों की ओर से जिस तरह सवाल उठाए गए और पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) के उपयोग की मांग की गई उसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत आगामी चुनावों के लिए पेपर ट्रेल मशीनों की खरीद के चुनाव आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वीवीपीएटी यूनिटों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। चुनाव आयोग ने देश के सभी मतदान केंद्रों के लिए 16 लाख से अधिक पेपर ट्रेल मशीनों की खरीद के लिए 3,174 करोड़ रूपये मांगे हैं। मंत्रिमंडल ने नए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की खरीद के लिए अब तक दो किस्तों में 1,009 करोड़ रूपये और 9,200 करोड़ रूपये को मंजूरी प्रदान कर चुकी है।
जून 2014 के बाद से आयोग ने सरकार को वीवीपीएटी मशीनों की खरीद के लिए कोष जारी करने के संबंध में कम से कम 11 बार याद दिलाया है। पिछले वर्ष चुनाव आयुक्त एस एन ए जैदी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस ओर दिलाया था।
उच्चतम न्यायालय ने आयोग को यह बताने को कहा था कि वह कब तक सभी मतदान केंद्रों में वीवीपीएटी मशीनों का उपयोग कर सकती है।
गौरतलब है कि बसपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस समेत कई दलों ने हाल में संपन्न चुनावों में ईवीएम मशीनों में कथित छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।
अरुण जेटली प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें:-
- पुलिस , एंबुलेंस को फायर ब्रिगेड को नियम से छूट
- कुछ आपात सेवालों के लिए नीली बत्ती की इस्तेमाल
- 1 मई से लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक
- लालबत्ती वाले नियम को खत्म किया गया
- 3173 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी मिल गई है
- 16 लाख से ज्यादा मशीने खरीदेगी सरकार
- 2019 के चुनाव में वीवीपैट का इस्तेमाल