नई दिल्ली। धरती का स्वर्ग कहलाए जाने वाले कश्मीर को आतंकवादियों की पनागाह से मुक्त करवाने के लिए भारतीय सेना पिछले साल से ऑपरेशन ऑल आउट के तहत कई आतंकवादियों को मौत के घाट उतरा चुकी है। भारतीय सेना की इस कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया है और वो भारतीय सेना की चौकियों पर गोलिबारी के साथ-साथ चीन से निर्यात की गई मिसाइलों से भी हमला कर रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय चौकियों पर हमले से पहले रावलपिंडी में स्थित पाकिस्तान के सेना मुख्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर बाजवा के साथ आईएसआई के प्रमुख नवीद मुख्तार और कई आतंकी संगठनों के आकाओं ने भाग लिया था।
इस बैठक से ये साफ हो गया है कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवादियों के सफाए के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑल आउट से बुरी तरह सहमा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कहा गया है कि हमारे आतंकी भारतीय सीमा में घूसने में नाकम हो रहे हैं इसलिए ऐसे में आतंकियों का मनोबल बढ़ाने के लिए भारतीय सेना के जवानों को निशाना बनाया जाना चाहिए और उनकी चौकियों पर हमले तेज कर देने चाहिए। देखा जाए तो पाकिस्तानी सेना जिस तरह से सीमा पर गोलीबारी कर रही है और एंटी टैंक गाइडेट मिसाइल दाग रही है उससे ये बैठक सच साबित हो रही है।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना भारतीय चौकियों पर आइईडी लगाकर हमला कर सकती है। इसके लिए पाकिस्तानी सेना आइईडी लगाने में माहिर आतंकियों को सीमा के नजदीक ले आई है। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने रविवार को भारतीय चौकियों पर छह मिसाइल दागी थी, जिसमें चार बीएसएफ के जवान शहीद हो गए थे। सैन्य सूत्रों के अनुसार, राजौरी में भारतीय चौकी पर गाइडेड मिसाइल दाग कर पाकिस्तान ने परोक्ष युद्ध को नया रंग दे दिया है। अब अधिक तबाही मचाने के लिए पाकिस्तानी सेना सस्ते मोर्टार की जगह चीन के सहयोग से बनाई गई महंगी मिसाइल का इस्तेमाल कर रही है।
रविवार को दागी मिसाइलें चीन के सहयोग से बनाई गई थीं। चीनी मिसाइल करीब चार किलोमीटर तक वार करती है। पहले पाकिस्तानी सेना सिर्फ 82 एमएम व 120 एमएम के मोर्टार दागती थी जो कम नुकसान पहुंचाती थी। मिसाइल उस जगह को पूरा तबाह कर देती है जहां यह टकराती है। यही कारण है कि रविवार को दागी गई मिसाइल से दुश्मन के निशाने पर रही भारतीय सेना की बारूद पोस्ट पूरी तरह से तबाह हो गई।