केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने औद्योगिक नीति व संवर्द्धन विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के विपो कॉपी राइट संधि तथा विपो प्रदर्शन व फोनोग्राम संधि के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। आपको बता दें कि इन संधियों के में इंटरनेट,डिजिटल कॉपी राइट आता है।गौरतलब है कि 12 मई, 2016 को सरकार द्वारा लागू राष्ट्रीय “बौद्धिक संपदा कानून” (IPR) में दिए गए उद्देश्य की दिशा में इस मंजूरी सराहनीय कदम कहा जा रहा है।
आपको बता दें कि इसका उद्देश्य “कमर्शियल उपयोग’’ से का मूल्य प्राप्त करना है। इसके लिए ईपीआर (INTELLECTUAL PROPERTY RIGHT) के मालिकों को इंटरनेट और मोबाइल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध अवसरों के संबंध में दिशा-निर्देश व सहायता उपलब्ध की जाती है।
घरेलू कॉपी राइट धारकों को अंतर-राष्ट्रीय कॉपी राइट की सुरक्षा सुविधा मिलेगी
अंतर-राष्ट्रीय कॉपी राइट प्रणाली के जरिए रचनात्मक अधिकार धारकों को उनके श्रम का मूल्य प्राप्त होगा। रचनात्मक कार्यों के उत्पादन और उनके वितरण में किए जाने वाले निवेश पर फायदा होगा।घरेलू कॉपी राइट धारकों को अंतर-राष्ट्रीय कॉपी राइट की सुरक्षा सुविधा मिलेगी। भारत के काटपी राइट धारकों को दूसरे देशों में प्रतिस्पर्धा में समान अवसर प्राप्त होगा।मालूम हो कि भारत विदेशी कॉपी राइट को मान्यता देता है।
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डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रचनात्मक उत्पादों के निर्माण और वितरण में किए जाने वाले निवेश पर लाभ प्राप्त होगा। और इससे आत्मविश्वास बढ़ेगा।व्यापार में वृद्धि होगी और एक रचना आधारित अर्थव्यवस्था तथा एक सांस्कृतिक परिदृश्य का विकास होगा।
मार्च, 2016 में कॉपी राइट अधिनियम-1957 को डीआईपीपी (औद्योगिक नीति व संवर्द्धन विभाग) को दिया गया। इसके पश्चात् कॉपी राइट अधिनियम-1957 की डब्ल्यूसीटी और डब्ल्यूपीपीटी के प्रति संगतता विषय पर अध्ययन किया गया। विपो के साथ एक संयुक्त अध्ययन भी किया गया।
2012 में कॉपी राइट अधिनियम-1957 में संशोधन किया गया। ताकि इसे डब्ल्यूसीटी और डब्ल्यूपीपीटी के अनुरूप बनाया जा सके। इसकी परिभाषा में भी संशोधन किया गया। जन संचार की परिभाषा में डिजिटल प्लेटफॅार्म को भी शामिल किया गया है। सुरक्षा के उपाय, अधिकार प्रबंधन जानकारी , कलाकारों के नैतिक अधिकार,
विपो कॉपी राइट संधि 6 मार्च, 2002 में लागू हुई थी। 96 पक्षों ने इसे अपनाया है। बर्न सम्मेलन में एक विशेष समझौते के जरिए साहित्यिक और कलात्मक रचनाओं को सुरक्षा दी गयी है। इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी कॉपी राइट सुरक्षा पर आधारित प्रावधान शामिल है।
महेश कुमार यदुवंशी