Aparna Yadav joins BJP || उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश के घर में फूट पड़ना शुरू हो गया है। इसी कड़ी में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बहू और यादव परिवार की छोटी बहू अपर्णा यादव भाजपा में शामिल हो गई है।
अपर्णा यादव ने बुधवार यानी आज भाजपा मुख्यालय में प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली। इसी के साथ समाजवादी पार्टी से नाता रखने वाली अपर्णा यादव के स्वागत में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
आपको बता दें मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की अपर्णा यादव पत्नी है। प्रतीक यादव मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के पुत्र हैं।
भाजपा की जन कल्याणकारी नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण करतीं श्रीमती अपर्णा बिष्ट यादव#सबका_साथ_सबका_विकास https://t.co/KxsV2ETI9C
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) January 19, 2022
अपर्णा यादव ने 2017 में लखनऊ कैंट सीट से लड़ा का चुनाव
आपको बता दी मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव 2017 में विधानसभा चुनाव में लोकसभा कैंट सीट से समाजवादी टिकट पर खड़ी हुई थी लेकिन उन्हें भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि उस वक्त अपर्णा यादव ने सपा के लिए काफी प्रचार प्रसार किया था। अपर्णा यादव एक संस्था बीआवेयर भी चलाती थी। जो महिलाओं को मुद्दों को लेकर काम करती हैं। साथ ही अपर्णा यादव का लखनऊ में गायों के लिए एक आश्रय स्थल भी है।
अक्सर भाजपा सरकार की अपर्णा यादव ने की है प्रशंसा
अपर्णा यादव अक्सर भारतीय जनता पार्टी के केंद्र सरकार व प्रदेश की योगी सरकार की प्रशंसा करती हुई नजर आएगी। अपर्णा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल के साथ प्रदेश की योगी सरकार के कई सार्वजनिक कार्यों की तारीफ भी की है। यहां तक कि उन्होंने अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए ₹11 लाख का दान भी दिया था। ऐसे में खबर यह है कि भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते ही अपर्णा यादव दिल्ली कैंट से भाजपा उम्मीदवार बन सकती है।
चाचा शिवपाल यादव ने भाजपा में रहने की दी थी सलाह
आपको बता दें अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज होते ही समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता व चाचा शिवपाल यादव ने बहू अपर्णा यादव को भाजपा में रहने की सलाह दी थी। शिवपाल यादव ने जारी बयान में कहा था कि “‘अपर्णा पहले पार्टी के लिए काम करें, फिर इसके बाद कोई उम्मीद करें, अपर्णा को सपा में रहना चाहिए।”