दिल्ली। दिल्ली सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने सीएम केजरीवाल के बजट भाषण से जुड़ी फाइलें लेने से इंकार कर दिया है। हालांकि इस आरोप को अधिकारियों के एक मंच ने शीर्ष नौकरशाह का‘‘उत्पीड़न’’ करार दिया। ज्वाइंट फोरम आफ आफिसर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मुख्य सचिव को बीते रविवार को फाइल भेजने के संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं थी। केजरीवाल के आवास पर आप के कुछ विधायकों द्वारा प्रकाश पर कथित हमले के बाद से आप सरकार और नौकरशाहों के बीच टकराव जारी है।
बता दें कि सरकार ने एक बयान में कहा कि यह बहुत ही चौंकाने वाली बात है कि दिल्ली के बजट से कुछ ही दिन पहले बीते रविवार को मुख्य सचिव ने वार्षिक बजट भाषण की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री की टिप्पणियों वाली महत्वपूर्ण फाइलें स्वीकार करने से इनकार कर दिया। उसने दावा किया कि फाइलें मोहल्ला क्लीनिक और पॉलीक्लीनिक स्थापना की जवाबदेही तय करने से संबंधित थी। में कहा गया कि इस वर्ष दिल्ली सरकार बजट बनाने में एक नवोन्मेषी पहल शुरू करेगी। अधिकतर बड़ी परियोजनाओं के लिए विशिष्ट मील का पत्थर और समयसीमा विधानसभा के समक्ष पेश की जाएगी ताकि दिल्ली सरकार को विधानसभा के प्रति और अधिक जवाबदेह बनाया जा सके।
वहीं बयान में कहा गया कि यद्यपि, सुबह जब फाइलें भेजी गईं, मुख्य सचिव के आवास द्वारा सूचित किया गया कि बीते रविवार होने के चलते, इन फाइलों को सोमवार को कामकाजी घंटे के दौरान मुख्य सचिव के कार्यालय को भेजा जाए। सरकार के दावों पर दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के ज्वाइंट फोरम ने कहा कि फाइलें पहुंचने के समय मुख्य सचिव घर पर नहीं थे क्योंकि रविवार को छुट्टी होती है।