featured लाइफस्टाइल हेल्थ

मौत का नया रूप, कोरोना के बीच इंसानों के दिमाग को अंदर से कैसे खा रहा ये अमीबा..

amiba 1 मौत का नया रूप, कोरोना के बीच इंसानों के दिमाग को अंदर से कैसे खा रहा ये अमीबा..

जहां एक तरफ कोरोना ने पूरी दुनिया के सामने चुनौती खड़ी की हुई है। वहीं दूसरी तरफ चीन में एक और नई बीमारी फैलने लगी है। जिसको लेकर लोगों में काफी डर है। इस बीमारी से निबटने के लिए लोग अभी सोच ही रहे थे कि, अमेरिका के फ्लोरिडा शहर से एक ऐसी नई बीमारी सामने आ गई। जिसे सुनकर लोगों के होश उड़ गये। इंसान के दिमाग को नष्ट करने वाले अमीबा का एक नया मामला अमेरिका के फ्लोरिडा से सामने आया है। फ्लोरिडा के हेल्थ डिपार्टमेंट ने दिमाग को चट करने वाले ‘नेगलेरिया फाउलेरी’ नाम के अमीबा से संक्रमण की पुष्टि की है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने बताया कि एक कोशिका वाला यह अमीबा इंसान के दिमाग को तबाह कर सकता है।

यह अमीबा दिमाग में ‘प्राइमरी एम्बेरिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस’ नाम के इंफेक्शन का कारण बनता है, जो कि दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट करने का काम करता है। हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार, साल 1962 में अमेरिकी की इसी जगह पर 37 मामले सामने आए थे।
इसी महीने में अमरीका में इस दिमाग को खा जाने वाले अमीबा से कई मौतें हुई हैं। डॉक्टर से लेकर रिसर्चर तक सब इसी खोज में लगे हुए हैं कि यह आया कहां से..

amiba 2 मौत का नया रूप, कोरोना के बीच इंसानों के दिमाग को अंदर से कैसे खा रहा ये अमीबा..

 

यह अमीबा पानी से जुड़ा है और पानी हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। शरीर के भीतर भी और बाहर भी इसलिए आपको इस अमीबा के बारे में जान लेना चाहिए। इस अमीबा का वैज्ञानिक नाम नेग्लरिया फाउलेरी है।यह खतरनाक अमीबा लोगों को तभी प्रभावित करता है जब दूषित पानी नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। एक व्यक्ति नेगलेरिया फाउलेरी से दूषित पानी को निगलने से संक्रमित नहीं हो सकता है।यह आमतौर पर तब होता है जब लोग तैराकी या गोताखोरी करते हैं। अगर ऊपर से पानी पीते समय आप पानी खुद पर गिरा लें और पानी नाक से आपके शरीर में चला जाए तब भी यह संक्रमण हो सकता है। यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में फैल नहीं सकता है।
नेग्लरिया फाउलेरी का संक्रमण अम्बेरिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस कई बिमारियों का कारण बन सकता है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की एक बीमारी है।

यह बीमारी बेहद घातक होती है। इससे मौत निश्चित मानी जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में 1962 से 2017 के बीच नेग्लरिया फाउलेरी के अटैक के बाद 143 में से केवल चार लोगों को बचाया जा सका है।

https://www.bharatkhabar.com/shooting-start-of-upcoming-movie-akshay-kumar/
इस बीमारी के सामने आने से लोगों में काफी डर देखने को मिल रहा है क्योंकि अमेरिका में पहले से ही कोरोना का कहर जारी है। ऐसे में इस बीमारी के मरीज बढ़ते से लोगों में जिंदगी पर नया खतरा मंजराने लगा है।

Related posts

NIA Raid In Shamli: शामली में NIA ने ISI एजेंट कलीम के घर पर दी दबिश, परिजनों से पूछताछ

Rahul

हिमाचलः शिमला में पानी की कमी का असर जनता के अलावा शिमला के पर्यटन कारोबार पर भी देखा गया है

mahesh yadav

यूपी के तीन जिलों में जीका वायरस ने पसारे पैर, कानपुर और कन्नौज के बाद लखनऊ सामने आए मामले

Neetu Rajbhar