नई दिल्ली: अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. भारत का अब तक का सबसे भारी-भरकम उपग्रह ‘जीसैट-11’ को बुधवार तड़के सफलतापूर्वक लांच किया गया। इसे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी एरियानेस्पेस के एरियाने-5 रॉकेट से फ्रेंच गुआना से प्रक्षेपित किया गया। इससे देश में ब्रॉडबैंड सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
इंटरनेट स्पीड पर आएगी क्रांति
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने उपग्रह के सफल प्रक्षेपण की पुष्टि की है। इसरो के अनुसार करीब 5,854 किलोग्राम वजन का जीसैट-11 देशभर में ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा। जीसैट-11 अगली पीढ़ी का ‘‘हाई थ्रुपुट’’ संचार उपग्रह है और इसका जीवनकाल 15 साल से अधिक का है।
Update #4#ISROMissions
Here’s the video of #Ariane5 VA-246 lift off from Kourou Launch Base early today morning carrying India’s #GSAT11 and South Korea’s GEO-KOMPSAT-2A satellites, as scheduled.
Video: @Arianespace pic.twitter.com/h0gjApbHHd
— ISRO (@isro) December 5, 2018
इसे पहले 25 मई को प्रक्षेपित किया जाना था लेकिन इसरो ने अतिरिक्त तकनीकी जांच का हवाला देते हुए इसके प्रक्षेपण का कार्यक्रम बदल दिया। शुरुआत में उपग्रह भू-समतुल्यकालिक स्थानांतरण कक्षा में ले जाया जाएगा और उसके बाद उसे भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा। एरियाने-5 रॉकेट जीसैट-11 के साथ कोरिया एयरोस्पेस अनुसंधान संस्थान (केएआरआई) के लिए जियो-कोम्पसैट-2ए उपग्रह भी लेकर जाएगा।
टेलीकॉम सेक्टर के लिए वरदान साबित होगा जीसैट-11
यह उपग्रह मौसम विज्ञान से संबंधित है। इससे भारत में इंटरनेट की गति बढ़ाने में मदद मिलेगी. कहा जा रहा है कि ये कामयाबी टेलिकॉम सेक्टर के लिए वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि इसकी मदद से इंटरनेट की गति 14 GBPS तक हो सकती है. गौरतलब है कि ISRO GSAT-19 और GSAT-29 सैटेलाइट्स को पहले ही लॉन्च कर चुका है. इनके अलावा GSAT-20 को अगले साल लॉन्च किया जाना है.