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आरएसएस के एजेण्‍डे पर योगी की मुहर, यूपी में नई जनसंख्‍या नीति का ऐलान

आरएसएस के एजेण्‍डे पर योगी की मुहर
  • आरएसएस ने 2015 में पास किया था जनसंख्या नियंत्रण पर प्रस्‍ताव

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने जनसंख्या नियंत्रण बिल पेश कर राष्ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ ( RSS) के एजेंडे पर मुहर लगा दी है। संघ (आरएसएस) ने देश में बढ़ती जनसंख्‍या पर चिंता जाहिर करते हुए 2015 में संपन्‍न अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में जनसंख्या नियंत्रण पर प्रस्‍ताव पास किया था। संघ के उस प्रस्‍ताव पर अमल करते हुए योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को विश्‍व जनसंख्‍या दिवस पर नई जनसंख्‍या नीति का ऐलान किया ।

गौरतलब हो कि देश की ज्‍वलंत समस्‍याओं पर संघ की सर्वोच्‍च निर्णायक संस्‍था अखिल कार्यकारी मंडल बैठक में कुछ प्रस्‍ताव लाती है । प्रस्‍ताव के माध्‍यम से संघ संबंधित विषय पर सरकार व समाज का ध्‍यान आकृष्ट कर उस विषय पर अमल करने की अपील करता है। प्रस्ताव में आरएसएस ने सरकार से आग्रह किया था कि जनसंख्या नीति पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। संघ ने कहा था देश में उपलब्ध संसाधनों और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए देश की जनसंख्या नीति का पुनर्निर्धारण कर उसे सब पर समान रूप से लागू किया जाए।

जनसंख्‍या असंतुलन देश की एकता अखण्‍डता के लिए खतरा

संघ ने अपने प्रस्‍ताव में कहा था कि जनसंख्या के अनुपात में बढ़ रहा असंतुलन देश की एकता, अखंडता व सांस्कृतिक पहचान के लिए गंभीर संकट पैदा कर सकता है। विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्‍या के कारण विदेशी घुसपैठ व मतांतरण की घटनाएं बढी हैं।
इसके अतिरिक्त, देश के सीमावर्ती प्रदेशों जैसे असम, पश्चिम बंगाल व बिहार के सीमावर्ती जिलों में बंगलादेश से घुसपैठ के कारण मुस्लिम जनसंख्या तेजी से बढी है।

निरन्‍तर बढ़ रहा मुस्लिम जनसंख्‍या का अनुपात

भारत ने आजादी के बाद वर्ष 1952 में ही जनसंख्या नियंत्रण के उपायों की घोषणा की थी, परन्तु सन 2000 में जाकर ही वह एक समग्र जनसंख्या नीति का निर्माण और जनसंख्या आयोग का गठन कर सका । इस नीति का उद्देश्य स्थिर व स्वस्थ जनसंख्या के लक्ष्य को प्राप्त करना था। ऐसी अपेक्षा थी कि अपने राष्ट्रीय संसाधनों और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रजनन-दर का यह लक्ष्य समाज के सभी वर्गों पर समान रूप से लागू होगा । यह भी देखा गया है कि आजादी के बाद से अब तक हिन्‍दुओं की जनसंख्‍या में जहां निरंतर गिरावट आयी है वहीं मुस्लिम जनसंख्‍या का अनुपात निरन्‍तर बढा है

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