देश मध्यप्रदेश राज्य

मध्य प्रदेश में अचानक बढ़ी अन्ना की सक्रियता

anna hazare

भोपाल। गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे वैसे तो भ्रष्टाचार के विरोध और अपनी आंदोलनात्मक गतिविधियों के कारण देश में लंबे समय से चर्चा में हैं। अन्ना हजारे का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में एक ऐसे व्यक्ति की तस्वीर उभरती है जो अपनी सादगी और साफगोई के लिये भी जाना जाता हो। आजकल अन्ना हजारे किसानों की स्थिति को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। गत दिवस ही सतना में अन्ना हजारे की एक सभी हुई जिसमें उन्होंने किसानों की दुर्दशा पर चिंता जाहिर करते हुए केन्द्र सरकार को निशाने पर लिया। अन्ना का कहना था कि केन्द्र सरकार एवं प्रधानमंत्री द्वारा उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

anna hazare
anna hazare

विभिन्न मुद्दों की ओर प्रधानमंत्री का ध्यानाकर्षण कराने के लिये उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आया। अन्ना ने इस अवसर पर आगामी 23 मार्च को दिल्ली में आंदोलन करने की बता भी कही। इसमें किसानों की आय दोगुनी, किसानों को पेंशन स्कीम और जनलोकपाल बिल लाने की मांग को लेकर अनशन करेंगे। अब उसके बाद अन्ना हजारे की सभा जबलपुर में हुई है, जिसमें उन्होंने बताया कि बीते 2 माह से देश के विभिन्न प्रांतों के दौरे पर हैं। इसमें 18 राज्यों के किसानों से मिले और उनकी समस्याएं जानी हैं। उनका कहना है कि पड़ोसी देश चीन में निर्मित ज्यादातर वस्तुएं बेचने के लिए भारत ही मुख्य बाजार है। यानी चीन की अर्थव्यवस्था भारत की मोहताज है। यदि भारत के नागरिक चीन का माल खरीदना बंद कर दें तो उससे लड़े बिना ही जंग जीती जा सकती है।

अन्ना हजारे ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में वह किसी से वोट या चंदा मांगने नहीं जा रहे हैं। इस दौरे की मुख्य वजह देश के अन्नदाताओं को उनका हक दिलाना है। इसलिए उन्हें किसानों का व्यापक समर्थन भी मिल रहा है। अन्ना का कहना है कि देश के जिस किसी राज्य में वह दौरे पर पहुंचे, वहां के किसानों की हालत बेहद खराब देखी। इसलिए केन्द्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में महाआंदोलन करके अनशन पर बैठेंगे। इस अनशन आंदोलन के जरिए वह देश के किसानों की हालत सरकार तक पहुंचाएंगे। गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे वैसे तो देश के विभिन्न राज्यों का दौरा करने की बात कह रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश में उनकी सभाएं जगह-जगह हो रही हैं तो इसके विशेष मायने भी हो सकते हैं।

क्यों कि प्रदेश में इस साल के अंत में ही विधानसभा चुनाव होने हैं इस दृष्टि से अगर अन्ना हजारे द्वारा केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की कथित विफलताओं को लेकर इसी तरह निशाना साधा जाता रहा तो यह स्थिति भाजपा के लिये राजनीतिक दृष्टि से नुकसानदायक हो सकती है। प्रदेश में अन्ना हजारे की सक्रियता अचानक बढऩे से इसका कुछ राजनीतिक प्रभाव भी अवश्य होगा। इस बारे में अनूपपुर निवासी महेश राठौर का कहना है कि अन्ना हजारे भले ही राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं लेकिन अगर वह केन्द्र एवं प्रदेश सरकार को इसी तरह निशाने पर लेते रहेंगे तो इससे भाजपा के लिये थोड़ी मुश्किल की स्थिति हो सकती है।

Related posts

उत्तराखंडः सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए स्थापित करेगी मधु पंचायत, जल्द बढ़ेगा शहद का उत्पादन

Trinath Mishra

अब आ गए हैं डिजिटल बाबा, गेरुआ वस्त्र नहीं गेरुआ मन है उद्देश्य, जींस-शर्ट में कर रहे मतदाताओं को जागरूक

bharatkhabar

जमीन घोटाले को लेकर ईडी ने भेजा वाड्रा को नोटिस

bharatkhabar