नई दिल्ली। चंद्रयान-2 भारत का एक अभिन्न एक्सपेरिमेंट था जो अन्तत: असफल हो गया। सबकुछ ठीकठाक चलने वाले इस ऐतिहासिक क्षण को पीएम मोदी देखने पहुंचे थे और उन्होंने वैज्ञानिकों का हौसलाफजाई किया।
वैज्ञानिकों के अनुसार चंद्रमा से महज दो किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम का इसरो से ‘नाता’ टूट गया। शुरुआती क्षणों में वैज्ञानिकों के साथ दर्शकों का हजूम विभिन्न जगहों पर बैठा नजरें गड़ाए था कि तभी अन्तिम समय में लैंडर विक्रम धरती से रूठ गया। इसरो चीफ के सिवन ने कहा था, आखिरी के 15 मिनट बेहद अहम होंगे, जिसमें लगभग 13 मिनट तक सबकुछ ठीक था मगर अन्त के 90 Second में जो हुआ उसने खामोशी भरा माहौल पैदा कर दिया।
लैंडिंग के अंतिम क्षणों में स्क्रीन पर लगातार नजरें रखने वाले नरेंद्र मोदी और इसरो चीफ के सिवन ने जैसे ही इस खबर को सुना उनकी भव-भंगिमाएं बदल गई लेकिन पीएम मोदी ने एक बार फिर मानो कह दिया हो कि ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता।’ उन्होंने वैज्ञानिकों के प्रयास को सराहा और ज्यादा मेहनत करने की बात कही। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।
सस्पेंस और थ्रिलर फिल्म की तरह रहा सबकुछ
लैंडर विक्रम रात 1 बजकर 38 मिनट पर चांद की ओर बढ़ने लगा, सॉफ्ट लैंडिंग का समय रात 1 बजकर 52 मिनट और 54 सेकंड निर्धारित था। अंत के 90 सेकंड और चांद से महज 2.1 किमी पहले ही लैंडर से ग्राउंड स्टेशन का नाता टूट गया। बस इतने में ही सब कहानी खत्म हो गई। हालांकि अब भी ऑर्बिटर चांद के चक्कर काट रहा है जो आने वाले वक्त में डाटा को इसरो के साथ साझा करेगा।