जब से चीन के वुहान शहर से कोरोना ने निकलकर पूरी दुनिया पर मौत बरसाई है तब से अमेरिका और चीन के बीच दूरी बढ़ती जा रही है।
क्योंकि कोरोना का सबसे ज्यादा असर अमेरिका में देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से अमेरिका लगातार चीन पर बैन लगाने की बात कर रहा है।
और इसका असर अब चीन और अमेरिका की अर्थव्यव्स्था पर पड़ने लगा है। इसलिए अब अमेरिका की कई कंपनियां भारत आने की तैयारियां कर रहीं हैं।
भारत अमेरिकी कंपनियों को देश में आने के लिए की कोशिश कर रहा है। भारत की लिस्ट में अबॉट जैसी दवा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी भी शामिल है।
इसके अलावा फूड प्रॉसेसिंग कंपनियों, टेक्सटाइल्स, लेदर समेत ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनियां को भी निवेश का न्योता भारत दे रहा हैं।
इससे पहले यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के अध्यक्ष मुकेश अघी ने भी न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया था कि कई अमेरिकी कंपनियां चीन की बजाये भारत में निवेश के बारे में पूछ रही हैं।
ऐसे में अगर विदेशी कम्पनियों का देश में निवेश बढ़ता है तो इससे कोरोना के कारन चरमराई अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा होने में मदद मिलेगी।
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अमेरिका और चीन के बीच गतिरोध इतना बढ़ चुका है कि, अमेरिका अपने देश से चीनी कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाने वाला है।