देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आबकारी नीति को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है,जिसकी जानकारी प्रदेश सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने दी। उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने एक प्रेस वार्ता के दौरान सरकार के फैसले का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने आबकारी नीति में लोगों के सुझाव के आधार पर संशोधन को कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि फैसले के बाद आबकारी नीति के तहत पुरानी व्यवस्था के आधार पर ही दुकानों का लाइसेंस आवंटित किया जाएगा।
इसके अलावा सरकार ने बार लाइसेंस की अवधी को एक साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया है, लेकिन बार के मालिकों को लाइसेंस पर फीस हर साल देनी होगी। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने फैसला लेते हुए आबकारी नीति के तहत विदेशी शराब के लाइसेंस शुल्क को बढ़ा दिया है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में बिक्री के दायरे को बढ़ाकर उसे पचास लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आबकारी नीति के तहत जिन होटलों में बार के साथ भोजन की व्यवस्था थी वहां अब लाइसेंस के लिए सालाना टर्न ओवर बारह लाख कर दिया गया है।
इसके साथ ही साल 2016-17 में ऋषिकुल में एमडी एमएस के क्रम में जो विज्ञापन जारी हुआ था उसमें किसी भी तरह का कोई सेल्फ़ फ़ाइनेंस का स्टाइपेंट का ज़िक्र नहीं था लेकिन छात्रों की माँग पर और विभाग द्वारा कहे जाने पर सत्रह छात्रों के भविष्य के लिए अब निर्णय लेने का अधिकार विश्वविद्यालय को दे दिया है ये सुझाव विभाग से आया था।वहीं प्रदीप मल्होत्रा को पाँच दुकानें माल में आवंटन करने के सवाल पर मंत्री मदन कौशिक ने बातें घुमा दी। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई भी एक से अधिक दुकानों के संबंध में पर्चा नहीं डाल सकता अगर ऐसा कोई मामला है तो जाँच के बाद वापस भी होगा।