निर्मल उप्रेती,संवाददाता, अल्मोड़ा
कोरोना के चलते लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं। कई लोगों की नौकरी गई तो कुछ का धंधा चौपट हुआ। वहीं अपनी मिठास के लिए दुनियाभर में मशहूर अल्मोड़ा की बाल मिठाई का कारोबार भी कोरोना के चलते चौपट हो चुका है।
ठीक पर्यटन सीजन में ही कोरोना ने इस कारोबार पर चोट की है। जिससे दशकों से इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों की हालत खस्ता है।
विदेशों तक पहुंचती थी बाल मिठाई
सांस्कृतिक नगरी की एक पहचान यहां की बाल मिठाई भी है। यहां की बाल मिठाई विदेशों तक पहुंचती थी। अल्मोड़ा आने वाले पर्यटक लौटते वक्त अपने साथ बाल मिठाई जरूर ले जाते थे। खासकर इन दिनों पर्यटन सीजन में बाल मिठाई की हर साल भारी बिक्री हुआ करती थी।
पर्यटन सीजन पर कोरोना की चोट
देश-विदेश से इस सीजन में पहुंचने वाले पर्यटकों की खास पसंद यहां की बाल मिठाई ही होती थी। जिससे बाल मिठाई के कारोबारियों की सालभर की आजीविका चलती थी। लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना पर्यटन सीजन पर उनके कारोबार पर चोट पहुंचा रहा है। जिस वजह से बाल मिठाई व्यवसायियों की अब हालत खस्ता हो गयी है।
‘कारोबारियों को काफी नुकसान’
जिला मिष्ठान संघ के अध्यक्ष मनोज पंवार ने बताया कि कोरोना के कारण मिठाई के कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जिलेभर में करीब 220 दुकानें बाल मिठाई के कारोबार से जुड़ी हैं। जिसमें अकेले अल्मोड़ा नगर और उसके आसपास लगभग 70 दुकानें हैं।
‘10-20 हजार तक की रोजाना सेल’
उन्होने बताया कि कई कारोबारियों की रोजाना 10-20 हजार तक की सेल होती थी। आज ये कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा है। पिछले साल भी जहां मिठाई कारोबारियों को पूरे जिले में 6 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। वहीं इस साल भी करीब 5 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है।
‘तीन महीनों में होती थी सालभर की कमाई’
मिठाई के दुकानदार केतन सिंह का कहना है कि वो पिछले 20 सालों से मिठाई की दुकान चला रहे थे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने भी पिछले साल की तरह ही उनके कारोबार पर असर डाला है। इन्ही तीन महीनों में सालभर की कमाई होती थी। ऐसे में उनका धंधा पूरी तरह चौपट हो चुका है। और उनके सामने दुकान, बिजली का किराया निकलना तक मुश्किल हो चुका है।
‘कोरोना से कारोबार बुरी तरह प्रभावित’
वहीं बाल मिठाई के दुकानदार गिरीश कांडपाल का कहना है कि वो पिछले 40 सालों से अल्मोड़ा के माल रोड में बाल मिठाई की दुकान चला रहे हैं। यहां बाल मिठाई की काफी बिक्री होती थी, कभी उनकी स्थिति खराब नहीं हुई लेकिन कोरोना आने के बाद उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो चुका है।
इस सीजन में लगभग 5 करोड़ का नुकसान
बता दें कि पूरे जिलेभर के मिठाई कारोबारियों को इस सीजन में लगभग 5 करोड़ के नुकसान का आंकलन लगाया गया है। वहीं इस कारोबार से जुड़े करीब 500 परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। जिस कारण मजबूरन कई दुकानदारों ने अब इस व्यवसाय से मुंह मोड़ लिया है।