Breaking News देश यूपी

उत्तर प्रदेश में कहीं भाजपा का खाता ही न खुले, अखिलेश ने ली चुटकी

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अनुपूरक बजट को लेकर योगी सरकार पर बोला हमला

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के 74 सीटों के दावे पर कहा कि वह यूपी में सिर्फ 1 सीट जीतने वाली है। यही नहीं, अखिलेश ने यूपी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर की तारीफ कर कहा कि बीजेपी में एक ही मंत्री है जो सच बोलता है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी के गठबंधन में जनवादी पार्टी और निषाद पार्टी को भी शामिल किया है। अखिलेश ने दोनों पार्टी के अध्यक्षों डॉ. संजय चौहान और डॉ. संजय निषाद के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

अखिलेश ने कहा, हम इस बार रिस्क लेकर देखेंगे कि यूपी में विकास पर वोट जाएगा या जात-पात पर। उन्होंने कहा, ‘उपचुनाव में जो ऐतिहासिक परिणाम आया था, वह किसी ने सोचा नहीं था। हमारे बाबा सीएम को भी उम्मीद नहीं थी। बीएसपी और एसपी के गठबंधन में यूपी में सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है। न सिर्फ देश बल्कि पूरे विश्व की नजर यूपी में है। जो 74 का दावा करते हैं उन्हें सोचना पड़ेगा कि उनका खाता खुलेगा की नहीं। कहीं 74 से सिर्फ एक सीट पर न सिमट कर रह जाएं।’

12 सीटों पर होगा महामुकाबला
लोकसभा चुनाव के लिए सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान जारी है। इस बार उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड की ऐसी कई सीटें हैं जहां मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। इन तीनों ही राज्यों में 2014 चुनाव में बीजेपी ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था लेकिन इस बार बिहार में महागठबंधन और यूपी में एसपी-बीएसपी-आरएलडी के गठबंधन की बदौलत इन सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार को कड़ी टक्कर मिलने वाली है। एक नजर इन सीटों पर-

सीट-अमेठी, चुनाव- 6 मई

यूं तो अमेठी कांग्रेस का गढ़ है और गठबंधन भी यहां से अपना उम्मीदवार नहीं उतार रहा है, फिर भी अमेठी में इस बार मुकाबला कांटे का होगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी ने स्मृति इरानी को यहां से टिकट दिया है। स्मृति ने 2014 में भी इसी सीट से राहुल के खिलाफ चुनाव लड़ा था और उन्हें मात भी मिली थी लेकिन उसके बाद से वह अमेठी में काफी सक्रिय रही हैं। दूसरी ओर राहुल यहां से 3 बार सांसद रह चुके हैं।

सीट- मुजफ्फरनगर, चुनाव-11 अप्रैल

राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) नेता अजित सिंह पहली बार मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यह सीट जाट बाहुल्य सीट है जो कि आरएलडी का वोटबैंक भी है। वहीं बीजेपी ने यहां से मौजूदा सांसद संजीव बालियान को टिकट दिया है। मुजफ्फरनगर दंगों के बाद 2014 में हुए चुनाव में ध्रुवीकरण और मोदी लहर में यहां से संजीव बालियान जीत गए थे लेकिन इस बार उनके सामने अजित सिंह के रूप में कड़ी चुनौती होगी। एसपी-बीएसपी गठबंधन के साथ अजित सिंह यहां से जाट, मुस्लिम और दलितों के समीकरण को लेकर अपनी जीत का ताना-बाना बुन रहे हैं।

सीट- बागपत, चुनाव-11 अप्रैल

आरएलडी का गढ़ माने जाने वाली पश्चिमी यूपी की बागपत सीट से पहली बार जयंत चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से उनके पिता अजित सिंह को बीजेपी के सत्यपाल सिंह से 2014 में मात मिली थी। ऐसे में जयंत के सामने इस सीट पर अपने परिवार का खोया हुआ विश्वास लौटाने की चुनौती होगी। बीजेपी ने इस बार भी मौजूदा सांसद सत्यपाल सिंह को ही टिकट दिया है।

सीट- अमरोहा, चुनाव-18 अप्रैल

यूपी की अमरोहा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। यहां से मौजूदा बीजेपी सांसद कंवरसिंह तंवर को इस बार इस सीट दानिश अली से कड़ी चुनौती मिल सकती है। दानिश हाल ही में बीएसपी में शामिल हुए हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने यहां से राशिद अल्वी को टिकट दिया है। अमरोहा में 20 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। इसके अलावा यहां दलित, सैनी और जाट समुदाय के लोग भी हैं।

सीट-फिरोजाबाद, चुनाव- 23 अप्रैल

उत्तर प्रदेश के यादव परिवार का झगड़ा इस बार लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद सीट पर और ज्यादा साफ नजर आएगा। फिरोजाबाद से इस बार एसपी संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ एसपी ने राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को मैदान में उतारा है। पुराने वोटरों और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच पैठ रखने वाले शिवपाल अपने भतीजे को कड़ी टक्कर देते नजर आएंगे।

सीट- बदायूं, चुनाव-23 अप्रैल

बदाऊं सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती है और यहां से पिछले 6 चुनाव में पार्टी का सांसद चुना गया है। हालांकि इस बार मुलायम सिंह यादव के भतीजे और मौजूदा सांसद धर्मेंद्र यादव के लिए यहां से जीतना इतना आसान नहीं होगा। उनके खिलाफ बीजेपी ने सवर्णों और गैर-यादव वोटरों को लुभाने के लिए यूपी के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व एसपी नेता और इस सीट से चार बार सांसद रह चुके सलीम शेरवानी को टिकट दिया है।

सीट- बेगूसराय, चुनाव- 29 अप्रैल

इस बार लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय सीट पर दिलचस्प मुकाबला होने वाला है। यहां केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ सीपीआई ने जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को टिकट दिया है। यह सीट सीपीआई का मजबूत गढ़ मानी जाती है और कन्हैया को महागठबंधन का समर्थन भी मिल सकता है।

सीट- जमुई, चुनाव- 11 अप्रैल

जमुई सीट से मौजूदा सांसद चिराग पासवान को इस बार आरएलएसपी के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी से इस सीट से कड़ी टक्कर मिलेगी। भूदेव इस सीट से 2009 में जेडी (यू) के टिकट से जीत चुके हैं। इस बार वह यहां से दलितों और ओबीसी वोट बैंक के समीकरण को मजबूत करने के प्रयास में हैं तो वहीं पासवान दलितों और सवर्ण दोनों वोटरों पर नजर बनाए हुए हैं।

सीट- गया, चुनाव -11 अप्रैल

बीजेपी ने एनडीए गठबंधन के तहत अपनी इस सीट को जेडी (यू) के खाते में दिया है और इस वजह से यहां से मौजूदा सांसद हरि मांझी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इस सीट से महागठबंधन के प्रत्याशी और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के सामने जेडी (यू) से विजय मांझी होंगे। पिछले चुनाव में इस सीट पर जेडी (यू) के टिकट से चुनाव लड़ने के बाद जीतनराम तीसरे नंबर पर आए थे। इस बार मांझी अपनी पार्टी (HAM) से चुनाव लड़ रहे हैं और मजबूत दावेदार हैं।

सीट- पूर्णिया, चुनाव- 18 अप्रैल

पूर्णिया उन दो सीटों में से एक है जहां से 2014 में जेडी (यू) ने मोदी लहर के बावजूद जीत दर्ज की थी। हालांकि इस बार समीकरण बदले हुए हैं। 2014 में इस सीट से बीएसपी के टिकट से लड़ने वाले उदय सिंह इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। उदय इस सीट से बीजेपी के प्रत्याशी संतोष कुशवाहा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं।

सीट- गढ़वाल, चुनाव- 11 अप्रैल

उत्तराखंड की गढ़वाल सीट में इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए बीजेपी सांसद और पूर्व सीएम बीसी खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी को पार्टी ने यहां से उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने बीजेपी ने खंडूरी के शिष्य माने जाने वाले तीरथ सिंह रावत को उतारा है। बीसी खंडूरी इस सीट से 5 बार सांसद रह चुके हैं और इस बार उनके बेटे इस सीट से लड़ाई को नया आयाम दे रहे हैं। दोनों ही उम्मीदवारों का दावा है कि उन्हें बीसी खंडूरी का आशीर्वाद मिला हुआ है।

सीट-नैनीताल, चुनाव- 11 अप्रैल

बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में नैनीताल की 14 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस लिहाज से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के लिए यहां से लड़ाई उतनी कठिन नहीं है लेकिन कांग्रेस के यहां से हरीश रावत को टिकट देने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। हरीश रावत राजपूत वोटरों पर मजबूत पकड़ रखते हैं। इस सीट से मौजूदा सांसद बीएस कोश्यारी को टिकट न देने से बीजेपी से नाराज भी हैं।

अखिलेश ने कहा, हमने शिक्षामित्रों को सम्मान दिया लेकिन बीजेपी की सरकार ने उनके साथ धोखा किया। अखिलेश ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस सरकार के पास कोई मुद्दा भी है। सिर्फ विपक्ष, फिर विपक्ष और चौकीदार के अलावा और किसी पर बात नहीं कर पा रहे हैं। सारी ताकतों के बावजूद जन समर्थन नहीं जुटा पा रहे हैं। जनता इंतजार कर रही है कि कब वोटिंग करने को मिलेगा।’

जनता को योजनाओंं का लाभ नहीं मिला
अखिलेश ने कहा, ‘हमारी टीम अध्ययन कर रही है कि पढ़ाई और रोजगार से वंचित करने के लिए जो साजिशें हो रही हैं, क्यों हो रही है उसे आपके सामने रख रहे हैं। समर्थन के बाद सीटों के बंटवारे पर अखिलेश ने कहा कि उस पर बाद में बात कर लेंगे।’ अखिलेश ने कहा, ‘समाजवादी पेंशन योजना गरीबों को आबादी के हिसाब से पेंशन मिल रही थी। इसमें अल्पसंख्यकों को शामिल करने की योजना थी लेकिन इसे हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा दिया गया।’

राजभर एकमात्र मंत्री जो सच बोलते हैं-अखिलेश
उन्होंने कहा, ‘हमारे चौकीदारों का सम्मान सबसे ज्यादा नेताजी करते हैं और फिर समाजवादी पार्टी ने किया। वह यहां आकर प्रदर्शन करते हैं तो लाठी कौन पड़वाता है। सबसे ज्यादा अपमान बीजेपी ने किया है। बीजेपी के साथ जनता का समर्थन नहीं है। बीजेपी के प्रचारक राज्यपाल और सरकारी एजेंसियां हैं।’ वहीं ओम प्रकाश राजभर के लिए उन्होंने कहा, ‘राजभर ऐसे मंत्री हैं जो सरकार की सच्चाई बताते हैं, केवल एक मंत्री है जो सच बोलते हैं। समय-समय पर सरकार का सच बताते हैं, उन्हें तकलीफ मत पहुंचाइए।’

Related posts

दिल्ली: गंगा राम हॉस्पिटल में 25 मरीजों की मौत, बस कुछ घंटों की ऑक्सीजन बाकी

pratiyush chaubey

 राजस्थान सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर को चार-चार प्रतिशत घटाया

rituraj

हिंसा की आग को लेकर कई देशों ने जारी की एडवाइजरी

piyush shukla