लखनऊ। समाजवादी परिवार में बीते साल से चल रहा संग्राम अब नये मोड़ आ गया है। आज रामगोपाल और अखिलेश के द्वारा आयोजित अधिवेशन में अखिलेश की राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर ताजपोशी के बाद कुछ अहम प्रस्ताव लाये गये। अधिवेशन में मौजूद पार्टी के सदस्यों और पदाधिकारियों के बीच अखिलेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर स्वयं ताजपोशी कर दी गई।
इस अधिवेशन में अखिलेश के सर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष की ताजपोशी को लेकर अब विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। अधिवेसन में शिवपाल को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाते हुए । अमर सिंह पर अखिलेश की कार्रवाई की तलवार चली है। स्वयंभू राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अमर सिंह को पार्टी से चलता कर दिया है।
इसके बाद अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा नेताजी से रिश्ता कोई खत्म नही कर सकता,पार्टीऔर परिवार बचाने के लिए सभी की जिम्मेदारी है। नेताजी का सम्मान और स्थान सर्वोच्च है।कुछ ताकतें ऐसी हैं जो चाहती हैं की सरकार न बने।दोबारा सरकार बनने पर सबसे ज्यादा नेताजी खुश होंगे। नेताजी के खिलाफ साजिश करने वालों के खिलाफ हूं। नेताजी एक बार भी कहते तो मैं अपने पद से हट जाता।मैं नेता जी का पहले भी सम्मान करता था आगे भी करूंगा।
फिलहाल अखिलेश और अधिवेशन के फैसले के बाद अब समाजवादी परिवार में बीते साल से मचा संग्राम एक नये मोड़ पर जा पहुंचा है। अब ये संग्राम कुछ ज्यादा ही रोचक हो गया है। बीते दिनों हुए दंगल में जब अखिलेश और रामगोपाल पर कार्रवाई की तलवार चली तो पूरे प्रदेश में सपा दो खेमें में बंट गई। लेकिन बिचौलियों ने सुलह की एक पेशकस की थी। इसके बाद भी अखिलेश और मुलायम सिंह के बीच एक मीटिंग भी हुई । लेकिन इस मीटिंग का कोई हल सामने नहीं आया । फिर इस अधिवेशन में सर्वसहमति से अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किए जाने और शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाने के साथ पार्टी से अमर सिंह की छुट्टी करने का प्रस्ताव पारित कर एक बार फिर संग्राम का बड़ा आगाज कर दिया गया है।
अजस्रपीयूष