जबलपुर। नर्मदा संरक्षण के उद्देश्य को लेकर अमरकंटक से प्रारंभ हुई नमामि देवी नर्मदे यात्रा नर्मदा तट पर वृक्षारोपण करते हुए निरंतर आगे बढ़ रही है। जबलपुर जिले के ग्राम बिजौरी में रात्रि विश्राम के बाद मां-नर्मदा के पूजन अर्चन के साथ रविवार को सुबह यात्रा के 22वें दिन की शुरुआत हुई। नमामि देवी नर्मदे यात्रा का जबलपुर जिले में आज सातवां दिन है।
शनिवार को सुबह बगरई से प्रारंभ हुई नर्मदा सेवा यात्रा धरमपुरा, नुनपुर, घुघरा होते हुए देर शाम को बिजौरी पहुंची, जहां यात्रा का जोरदार स्वागत हुआ। बिजौरी में रात को भजन और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें न केवल बिजौरी बल्कि इसके आसपास के ग्रामीण भी पूरे भक्ति भाव से शामिल हुए। भजन संध्या में भजन गायक जगदीश दीवान द्वारा प्रस्तुत भगवती अराधना और नर्मदा मैया की स्तुति पर अधारित भजनों ने यहां मौजूद लोगों को भक्ति रस में डुबा दिया। माँ नर्मदा के प्रति आस्था रखने वाले ग्रामीण और नर्मदा यात्री मंच के सामने आकर खूब थिरके। जन-सहभागिता से पर्यावरण संरक्षण का अनूठा प्रयास : स्वामी अखिलेश्वरानंद
नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा रविवार को सुबह जबलपुर जिले के ग्राम बिजौरी से शुरू हुई। यात्रा में ग्रामवासियों द्वारा बढ़-चढ़कर भाग लिया जा रहा है। यात्रा में शामिल हजारों बच्चों, महिलाओं, जन-मानस के उमड़ते हुए जन-सैलाब द्वारा नर्मदा सेवा यात्रा के ध्वज व कलश की पूजा अर्चना की गई। विधायक प्रतिभा सिंह ने पर्यावरण संरक्षण नर्मदा को स्वच्छ बनाने जैविक खेती अपनाने, वृक्षारोपण करने की शपथ दिलाई गई।
इस दौरान यात्रा के प्रभारी स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि जन-सहभागिता से पर्यावरण संरक्षण का अनूठा प्रयास है.. नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मन में महाकाल की नगरी उज्जैन के सिंहस्थ में वैचारिक महाकुंभ में यह विचार आया कि मध्यप्रदेश की जीवन-रेखा माँ नर्मदा को प्रदूषण मुक्त रखने और इसकी धारा को अविरल बनाए रखने के लिए अभियान चलाया जाए। इसी तारतम्यता में विगत 11 दिसंबर 2016 से माँ नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से यात्रा का शुभारंभ किया गया। इसमें सभी वर्ग की जन-भागीदारी सुनिश्चित करने और जन-मानस में वैचारिक क्रांति पैदा करने के लिए सभी विधायक, मंत्रीगणों पंचायत प्रतिनिधियों को यात्रा को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।