लखनऊ। देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे को शुक्रवार को आम जनता के लिए खोल दिया गया है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 21 नवंबर को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। इस एक्सप्रेस-वे के जरिए आम जनता लखनऊ से आगरा का 302 किलोमीटर तक का सफर मात्र साढ़े तीन घंटे में तय कर सकेंगे। हालांकि इस एक्सप्रेस-वे पर अभी छोटी गाड़ियों को ही प्रवेश दिया गया है, भारी वाहनों को अनुमति कुछ समय के पश्चात मिलेगी।
इस पर 100 से 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से राजधानी लखनऊ से उन्नाव, कानपुर, हरदोई, कन्नौज, औरैया, इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद जिलों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। सुरक्षित यात्रा के लिए एक्सप्रेस-वे पर हर 30 किलोमीटर पर दोनों दिशाओं पर डायल-100 और 108-एम्बुलेंस के एक-एक वाहन तैनात किया गया है।
23 महीने में हुआ निर्माण
अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार इस एक्सप्रेस-वे को 13 हजार करोड़ रुपए की लागत से 23 महीनों में बनाया गया है। एक्सप्रेस-वे पर 13 बड़े और 52 छोटे पुल और चार आरओबी बने हैं। सड़क पर आवाजाही में कोई रुकावट न हो इसका विशेष ध्यान रखते हुए 132 फुट ओवरब्रिज और गांव व कस्बों की सुविधा के लिए 59 अंडरपास दिए गए हैं।
एक्सप्रेस-वे के निर्माण की खास बात यह रही कि इसके लिए 10 जिलों के 232 गांवों में लगभग 3500 हेक्टेयर जमीन 30 हजार 456 किसानों से आपसी सहमति और बिना किसी विवाद के खरीदी गई। एक्सप्रेस-वे के किनारे मैनपुरी और कन्नौज में मंडियां बनाई जा रही हैं। इसके अलावा, स्मार्ट सिटी, लॉजिस्टिक पार्क और फिल्म सिटी भी प्रस्तावित है। इसके दोनों तरफ कृषि, हैंडीक्राफ्ट, पर्यटन तथा दुग्ध उद्योग का विकास होगा, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा। एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर ग्रीन बेल्ट को विकसित करने के लिए लगभग तीन लाख पौधे रोपित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 21 नवम्बर को इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया था। उस मौके पर वायु सेना के लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन लोगों के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा।