लखनऊ: उत्तराखंड के बाद यूपी में भी कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया गया था। यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा रद्द तब की थी जब सुप्रीम कोर्ट ने मामले का खुद संज्ञान लेने की बात की थी। तमाम अटकलों के बीच 18 जुलाई को रात यूपी सरकार ने कांवड़ संघों से बातचीत कर यह बड़ा फैसला लिया था। आज दिल्ली में कांवड़ मामले की सुनवाई हुई है।
यूपी सरकार के वकील ने रखा अपना पक्ष
यूपी सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी। यात्रा को रद्द करने का फैसला कांवड़ संघों से बातचीत करके लिया गया है। कांवड़ के लिए मंदिरों में गंगाजल से अभिषेक करने का विकल्प दिया जाएगा। इसके लिए सरकार टैकरों में गंगाजल को उपलब्ध कराएंगी।
हरिद्वार और यूपी की सीमा पर कड़ा पहरा
पिछले एक साल से हर धार्मिक गतिविध पर कोरोना ने रोक लगा दी है। पिछले साल भी कांवड़ यात्रा नहीं हो पाई थी। इस बार सरकार को उम्मीद थी लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार भी उसे यह कठिन फैसला लेना पड़ा। हरिद्वार और यूपी के बॉर्डर पर दोनों राज्यों के सीमाओं पर कड़ी निगरानी कर दी गई है। अगर कोई कांवड़ यात्री वहां मिलता है तो उसपर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी और उसे 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन करना पड़ेगा।
कांवड़ यात्रा के लिए सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने रखा पक्ष
- कावड़ यात्रा के मामले में सुनवाई शुरू हुई
- उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने रखा पक्ष
- यूपी में इस साल कावड़ यात्रा नहीं होगी
- कांवड़ संघों से चर्चा के बाद यात्रा रद्द की कई
- मंदिरों में गंगाजल से अभिषेक का विकल्प देंगे