कल यानि 3 सितंबर की देर रात तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और उसके आसपास के इलाकों में जश्न में हवाई फायरिंग की। मिली जानकारी के अनुसार, इस हवाई फायरिंग में बच्चे समेत कई लोग मारे गए। तालिबान ने दावा किया है कि उसने पंजशीर घाटी पर कब्जा कर लिया है और अफगानिस्तान के National Resistance Front को हरा दिया है। इस दावे के बाद राजधानी काबुल में भारी गोलाबारी की आवाज सुनी गई। तालिबान के एक कमांडर ने एक बयान में कहा, अल्लाह की कृपा से हमने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। पंजशीर अब हमारे कब्जे में है. वहीं तीन तालिबानी सूत्रों ने बताया कि तालिबान लड़ाकों का पूरे अफगानिस्तान पर नियंत्रण हो गया है, जिसमें पंजशीर भी शामिल है।
हालांकि, पंजशीर में प्रतिरोध बल (Resistance Forces) के नेता अहमद मसूद ने बताया है कि पंजशीर पर तालिबान के जीत की खबर झूठी है। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि “पाकिस्तानी मीडिया में पंजशीर पर कब्जे की खबरें प्रसारित हो रही हैं, जो कि एक झूठ है। अगर वे पंजशीर जीतते हैं वो दिन मेरा आखिरी दिन होगा। इंशाअल्लाह।” अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने एक वीडियो साझा करके बताया कि हमारी सेना तालिबानियों का डटकर मुकाबला कर रही है। उन्होंने कहा है कि वे आतंकियों के निशाने पर हैं। उन्होंने खुद के ताजिकिस्तान भागने का भी खंडन किया है। सालेह ने कहा है कि वे अभी भी पंजशीर में हैं और तालिबानियों से लड़ रहे हैं।
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अमरुल्लाह सालेह ने एक निजी चैनल से कहा है कि वह पंजशीर घाटी में हैं। अपने कमांडरों और राजनीतिक नेताओं के साथ हालात का प्रबंधन कर रहे है। कुछ रिपोर्ट्स में ये चारों तरफ फैलाया जा रहा है कि मैं देश छोड़कर भाग गया हूं, और यह बिल्कुल निराधार है। यह मेरी आवाज है, मैं पंजशीर घाटी से, अपने बेस से बात कर रहा हूं।मैं अपने कमांडरों और हमारे राजनीतिक नेताओं के साथ हूं। बेशक, यह एक कठिन हालात है। हम तालिबान, पाकिस्तानियों, अल कायदा और अन्य आतंकवादी समूहों के आक्रमण के अधीन हैं। मालूम हो कि जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, तब से पंजशीर घाटी में विद्रोही लड़ाके इकट्ठा होना शुरू हो गए हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या अफगान नेशनल आर्मी के सैनिकों की है। इस समूह का नेतृत्व नॉर्दन एलायंस ने प्रमुख रहे पूर्व मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद कर रहे हैं। उनके साथ पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह और बल्ख प्रांत के पूर्व गवर्नर की सैन्य टुकड़ी भी है।