मेरठ। अधिवक्ता मुकेश शर्मा की हत्या के बाद वकीलों में रोष व्याप्त है… मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है… इसी सिलसिले में मेरठ बार एसोसिएशन व जिला बार एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से सभा बुलाई थी… इस दौरान अधिवक्ता आक्रोशित दिखे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तीन जिलों में क्रमश: मेरठ, मुजफ्फरनगर व बागपत में तीन अधिवक्ताओं को मौत के घाट उतारा जा चुका है… इसे लेकर मेरठ के अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश व्याप्त हैं। उधर एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि मुख्य आरोपी नासिर मृतक अधिवक्ता से 1400 गज जमीन का कब्जा नहीं मिलने से छुब्ध था और इसी रंजिश में उसने हत्या कर दी।
बदमाशों को दी सुरक्षा, वकील को नहीं
अधिवक्ताओं में विरोध की चिंगारी इस बात को लेकर भी सुलग रही है कि पुलिस मुखिया बार-बार मिन्नतें करने के बाद भी सुरक्षा मुहैय्या नहीं कराई… जबकि कई अपराधियों व माफियाओं तक को सुरक्षा प्रदान की जा चुकी है।
यूपी बार असोसियेशन भी है खफा
मेरठ ही नहीं यूपी बार काउंसिल ने सीएम योगी को खत लिखकर अधिवक्ताओं की मौत पर कड़ी नाराजगी जताई है, अध्यक्ष हरिशंकर सिहं ने योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि जितने भी वकीलों की हत्या हुई है उनके एक परिजन को सरकारी नौकरी और 25 लाख मुआवजा दी जाये इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये जायें।
ब्राह्मण समाज ने भी जताया विरोध
दूसरी ओर ब्राह्मण समाज के कार्यकर्ताओं ने भी आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है… युवा ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष अश्वनी कौशिक एवं संरक्षक महेश शर्मा जिलाधिकारी से मिले, उन्होंने मृतक अधिवक्ता के एक परिजन को सरकारी नौकरी देने व तत्काल मुआवजा देने की मांग की है।
जनपद में अपराधियों के हौसलों को देखते हुए अब आम आदमी सख्ते में है… इस माह में त्योहार भी आने वाले हैं ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होनी चाहिये लेकिन पुलिस की हीलाहवाली और अपराधियों का शातिर रवैय्या आम आदमियों की जिंदगी को बदतर बनाने में जुट गया है।