नई दिल्ली। उरी आतंकी हमले के बाद भारत का सख्त रुख देखते हुए पाकिस्तान के सियासी गलियारें में इन दिनों चहलकदमी काफी बढ़ गई है। यूएन महासभा में मुंह को खाने के बाद पाकिस्तान की बौखलाहत सीधे तौर पर देखी जा सकती है और अब वो अपना बचाव करने में जुटा हुआ है। एक ओर जहां भारत जहां सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान की किस्मत का फैसला आज करेगा वहीं पाकिस्तान के उच्चायुक्त अपने रुख को नरम करते हुए अब बीच-बचाव करने पर उतर आए हैं।
पाक उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि दोनों देशों के बीच जारी संवाद में युद्ध की संभावना हावी नहीं होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने भविष्य का फैसला करने के लिए बेहतर मौका मिलना चाहिए। अगर उन्हें लगता है कि वो भारत के साथ ज्यादा खुश हैं तो वहीं रहें। पाकिस्तान को इससे कोई भी आपत्ति नहीं है।
इसके साथ ही बासित ने कहा पठानकोट हादसे के बाद हम सही दिशा में बढ़ रहे थे लेकिन कश्मीर में हुई 8 जुलाई की घटना हुई और उसके बाद जो हुआ वो पता है। हमारी बातचीत ने रफ्तार खो दी। गौरतलब है कि 8 जुलाई को आतंकी बुरहान वानी की मारे जाने के बाद घाटी में हालात काफी बिगड़ गए थे जिसके चलते कई जगहों पर प्रतिंबध लगाया गया था। लेकिन हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने यूएन महासभा में दिए भाषण में मारे गए आतंकी को युवा नेता बताया था जिसके चलते भारत में शरीफ के बयान की कड़ी निंदा की गई थी।