प्रयागराज: प्रयागराज में फर्जीवाड़ा करने वालों ने आरटीओ विभाग को भी नहीं छोड़ा है। जिले में एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां पर आरटीओ में मिलीभगत करके फर्जी लाइसेंस बनाने का काम किया जा रहा है।
इसका खुलासा तब हुआ जब जिले के नाका इलाके में पुलिस ने करेली थाना प्रभारी बृजेश सिंह के नेतृत्व में चेकिंग अभियान शुरू किया।
चेकिंग अभियान में खुली पोल
ये चेकिंग अभियान कोविड-19 के मद्देनजर चलाया जा रहा था। इस दौरान चेकिंग करते समय पुलिस ने एक वाहन चालक से उसका ड्राइविंग लाइसेंस मांगा। वाहन चालक जिया हसनैन से अपना ड्राइविंग लाइसेंस पुलिस को दे दिया।
जब पुलिस उप निरीक्षक हरिमोहन ने जब ट्रैफिक विभाग की वेबसाइट पर जाकर उसका लाइसेंस नंबर डाला और चालान काटने का प्रयास किया तो वो ये देखकर दंग रह गए कि ये ड्राइविंग लाइसेंस तो मोहम्मद अर्श अहमद के नाम पर था।
सोच में पड़ गए उप निरीक्षक
इसके बाद काफी देर तक पुलिस उप निरीक्षक हरिमोहन परेशान रहे और सोच में पड़ गए। इसके बाद उन्होंने वाहन चालक जिया हसनैन से साफ-साफ कह दिया कि उसका ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी है।
उन्होंने वाहन चालक से कहा कि उसका ड्राइंविंग लाइसेंस किसी और के नाम पर है। इसके बाद ट्रैफिक उप निरीक्षक हरिमोहन ने वाहन चालक जिया हसनैन का चालान काट दिया।
इस प्रकार फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस लेकर घूम रहे जिया हसनैन एक फर्जीवाड़े का शिकार हो गए। जिया हसनैन को ये पता ही नहीं था कि वो जिस ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर चल रहे हैं वो फर्जी है।
वाहन चालकों को दी हिदायत
वहीं इस दौरान पुलिस उप निरीक्षक हरिमोहन ने सड़क पर वाहन चला रहे वाहन चालकों और लोगों को जागरूक किया और उन्हें सही नंबर प्लेट के अलावा हेलमेट और कागजात साथ रखने की हिदायत दी। उन्होंने लोगों से मास्क भी पहनने का आह्वान किया। इस चेकिंग अभियान के दौरान सड़क पर अफरातफरी का माहौल रहा।
सामने आते रहते हैं मामले
बता दें कि इससे पहले भी फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के मामले सामने आते रहे हैं। आरटीओ विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण ये धंधा खूब फलफूल रहा है। इसके सबसे ज्यादा शिकार भोले-भाले और अनपढ़ लोग होते हैं। यहां के कर्मचारी उनसे पैसा भी ले लेते हैं और फर्जी लाइसेंस भी पकड़ा देते हैं।