बिहार में महारैली के दौरान विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने बीजेपी को अपने निशाने पर लिया। लेकिन जैसे ही लालू यादव माइक पर आए तो लाखों लोगों में खासा उत्साह देखा गया, उनका शॉल पहनाकर स्वागत किया गया। लालू यादव ने कहा कि रैली को सफल बनाने के लिए कई जगहों से लोग आए हैं, उन्होंने सभी लोगों समेत विपक्षी नेताओं को धन्यवाद दिया। लालू ने कहा है कि लोगों को देखते हुए आज का दिन रैली के लिए निर्धारित किया गया है। यह रैली इतनी सफल है कि देश-विदेश में इस रैली के लिए बात हो रही है। लालू ने कहा है कि महागठबंधन तोड़ कर नीतीश कुमार ने अच्छा नहीं किया है, इस वक्त बेरोजगारी और महंगाई काफी बढ़ गई है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि गठबंधन तोड़ कर नीतीश कुमार सोच रहे हैं कि उनके उपर लगे आरोप खत्म हो जाएंगे।
लालू ने कहा है कि वह नीतीश कुमार को सीएम नहीं मानते हैं और नीतीश कुमार का सच उन्हें पहले से पता था। लालू ने कहा है कि बिहार में एनडीए के सभी नेता उनके ही प्रोडेक्ट हैं। नीतीश कुमार अच्छे आदमी नहीं हैं और नीतीश का कोई सिद्धांत नहीं है। नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा है कि शरद यादव ने ही नीतीश कुमार को नेता बनाया है। लालू ने कहा है कि अगर तेजस्वी नहीं होते तो छपरा वाला पुल भी नहीं होता। उन्होंने कहा है कि महागठबंधन में लोगों ने उनका चेहरा देखकर ही वोट दिया है, नीतीश को पहले से सच पता था और नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को खतरा माना है।
लालू ने कहा है कि नीतीश कुमार ने उनसे एक और कार्यकाल मांगा था और नीतीश कुमार ने बिहार को धोखा दिया है। उन्होंने बताया है कि दिल्ली जाकर मोदी-जेटली से मिले थे नीतीश कुमार जिसके बाद नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव में भी धोखा दे दिया। नीतीश कुमार को तेजस्वी यादव से काफी जलन थी, नीतीश कुमार ने कहा था कि मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएंगे लेकिन अब वही नीतीश कुमार को मिट्टी की जरूरत है। उन्होंने बताया कि अगर नीतीश कुमार धोखा नहीं देते तो आज बिहार की बेटी राष्ट्रपति बनती।