- संवाददाता, भारत खबर
नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष से केंद्रीय मंत्री बने अमित शाह के बाद खाली पड़ी कुर्सी भरने की कवायद शुरू हो गई है। इस दौड़ में जहाँ भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य जेपी नड्डा का नाम चल रहा है तो वहीं पश्चिम बंगाल फतह करने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी प्रमुख रूप से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल दिख रहे हैं। राजनीति के गलियारों में चर्चा है कि कैलाश विजयवर्गीय अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किचिन कैबिनेट के सदस्य माने जाते हैं।
कैलाश विजयवर्गीय वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। इंदौर में भारतीय जनता पार्टी से अपना राजनितिक कैरियर प्रारंभ कर वे इंदौर नगर के महापौर बने। हालांकि अंतिम फैसला अमित शाह और नरेन्द्र मोदी को ही करना है बावजूद इसके कैलाश और उनके खास कार्यकर्ताओं को इस बात की उम्मीद जरूर है कि उन्हें पश्चिम बंगाल में मिली सफलता का तोहफा अध्यक्ष पद के रूप में अवश्य ही मिलेगा।
बिना कोई चुनाव हारे कैलाश विजयवर्गीज लगातार छ: बार विधानसभा के सदस्य चुने गये और वर्तमान में महू विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। मध्य प्रदेश में उन्हें शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता रहा है। भाजपा में राष्ट्रीय महासचिव बनने से पहले वे बारह वर्ष तक मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे।
वर्ष 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए विजयवर्गीय बीजेपी के चुनाव प्रभारी नियुक्त हुए थे, उसके बाद ही विधानसभा चुनाव में वहां बीजेपी स्पष्ट बहुमत में आई। हरियाणा में उनके चमकीले प्रदर्शन के बाद जैसी उम्मीद की जा रही थी, पश्चिम बंगाल में वे पार्टी के नए प्रभारी बनाये गए और 18 सीटें जीतने में सफल रहे। जुझारू नेता के तौर पर उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार से लोहा लेते हुए भाजपा को पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 2 से 18 सीटों तक पहुँचाया।
मौजूदा अध्यक्ष अमित शाह लोकसभा चुनाव जीतकर मोदी सरकार में केन्द्रीय गृह मंत्री बनाए गए हैं और उनकी जगह अब नये अध्यक्ष की तलाश की जा रही है। अध्यक्ष की दौड़ में कैलाश विजयवर्गीय के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं संसदीय बोर्ड के सचिव जेपी नड्डा और पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव भी शामिल हैं। वहीं जिस तरह से कैलाश विजयवर्गीय ने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के किले को ध्वस्त किया है उससे उनका कद अवश्य ही बीजेपी में बढ़ा है।