टेरर फंडिंग मामले में इन दिनों एनआईए हुर्रियत नेताओं पर अपना शिकंजा जमाने में लगी हुई है। पाकिस्तान से फंडिंग और इस फंडिंग को आतंकियों की मदद में लगाने के मामले में एनआईए ने सात हुर्रियत नेताओं को गिरफ्तार किया है। एनआईए ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की संपत्तियों पर चिन्हित किया है। एनआईए द्वारा चिन्हित की गई सैयद अली शाह गिलानी की संपत्तियों की कीमत 100 से 150 करोड़ रुपए के बीच में बताई जा रही है।.
कश्मीर में हिंसा फैलाना तथा भीड़ को उकसाना और अन्य मामलों में सात अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी की गई थी। सूत्रों से खबर सामने आई है कि हुर्रियत नेता दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसएआर गिलानी के संपर्क में हैं। अलगाववादी नेता अब अपने बचाव में अच्छे और नामी वकील की तलाश कर रहे हैं। अलगाववादी नेता अपने बचाव में किसी ऐसे वकील की तलाश में हैं जोकी कोर्ट में उनकी पैरवी कर सकें। दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसएआर गिलानी इन दिनों एक एनजीओ चला रहे हैं। संसद हमले में बरी किए गए प्रोफेसर का एनजीओ राजनीतिक बंदियों को जेल से छुड़ाने का काम करती है।
सूत्रों के अनुसार ईडी द्वारा शब्बीर शाह की गिरफ्तारी के बाद अब और भी हुर्रियत नेताओं पर खतरे के बादल मंडराने लग गए हैं। अब उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि एनआईए की कार्रवाई उनपर भी हो सकती है और अब एनआईए अपनी आगे की कार्रवाई में पूछताछ के लिए यासीन मलिक, मीरवाइज तथा गिलानी को बुलाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक यह भी खबर सामने आई थी कि पाकिस्तान में आतंकियों के सरगना भी इन दिनों अलगाववादियों से संपर्क में है, यह आए दिन घाटी में हिंसा भड़काने के लिए नए नए प्लान तैयार कर रहे हैं।