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डरे नही भारत के लिए सौगात लेकर आ रहा मोरा चक्रवात

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नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी में उठने वाला मोरा चक्रवात ने फिलहाल भारत के तटीय इलाकों के साथ साथ बांग्लादेश की भी धड़कनें बढ़ा रखी हैं। इस दौरान करीब 65 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं भी चलेंगी। लेकिन इस बीच मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि इस चक्रवात से भारत को घबराने की जरूरत नहीं है।

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यह भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की दस्‍तक है जो किसानों और फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॅाक्टर र केजे रमेश के मुताबिक मोरा चक्रवात भारत में मानसून की शुरुआत है। उन्‍होंने बताया है कि यह कल पश्चिम बंगाल से लेकर केरल तक मंगलवार को पहुंच जाएगा। इस दौरान भारत के तटीय इलाकों में अच्‍छी बारिश की संभावना है।

उन्‍होंने मोरा चक्रवात को लेकर किसी भी तरह की दहशत को दरकिनार करते हुए कहा है कि यह चक्रवात भारत किसानों के लिए काफी अच्‍छा साबित होगा। उनके मुताबिक फिलहाल यह चिटगांव की तरफ बढ़ रहा है जिसकी वजह से वहां पर तेज हवाएं चल रही हैं। इसकी वजह से वहां पर कुछ नुकसान हो सकता है लेकिन भारतीय इलाकों में इसका प्रभाव खतरनाक साबित नहीं होगा।

उनका कहना है कि भारत के तटीय इलाकों तक पहुंचते पहुंचते यह मंदा पड़ जाएगा लिहाजा इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इस चक्रवाती तूफान की वजह से मानसून केरल से पहले पूर्वोत्तर भारत में दस्तक देगा।
उनके मुताबिक इस दौरान दक्षिण असम, मेघालय, त्रिपुरा, और मिजोरम में भारी बारिश हो सकती है। यह बंगाल की खाड़ी के कुछ और भागों तथा अरब सागर में आगे बढ़ाने में मददगार होगा। इसके बाद भी भारत के तटीय इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है। डॉक्‍टर रमेश के मुताबिक, मोरा 30 मई को चटगांव के पास बांग्लादेश तट को पार कर जाएगा। इसकी वजह से पूर्वोत्‍तर के राज्‍यों में भारी बारिश हो सकती है।

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