लखनऊ। बीते माह उत्तर प्रदेश के विधान सभा परिसर के अंदर मिले संदिग्ध पाउडर मामलें में जांच के बाद एक नया मोड आया था। संदिग्ध पाउडर को लखनऊ फोरसिंक लैंब ने डायरेक्टर श्याम बिहारी उपाध्याय ने PETN करार दे दिया था। अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। क्योंकि विधान सभा में मिले पाउडर के बारे में आगरा की लैब ने साफ किया था कि यह पाउडर PETN नहीं था। अब इस मामले में लखनऊ फारेसिंक लैब के डायरेक्टर पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है।
इस मामले में राज्य के डीजीपी ने गृह विभाग को डायरेक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर उन्हे जल्द निलंबित करने की सिफारिश सरकार से की है। FSL डिपार्टमेंट यूपी पुलिस के टेक्निकल विभाग के अधीन है। अब इस मामले में जल्द ही यूपी की योगी सरकार अपना फैसला ले सकती है। बताया जा रहा है कि अब इस पाउडर के अवशेषों को जांच के लिए एनआईए को भी भेजा गया है। जिसको उसने चंड़ीगढ़ की लैब में भेजा था जल्द ही वहां से इस पर रिपोर्ट भी आने वाली है।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने इसे जांच के लिए हैदराबाद भी भेजा था वहां से भी इस मामले में जांच रिपोर्ट आने की बात कही जा रही है। हांलाकि आगरा के लैब की बात पर राज्य सरकार के प्रिमसिपल सेक्रेटरी अरविंद कुमार ने साफ तो पर कहा था कि हमने संदिग्ध पाउडर के कोई नमूने जांच के लिए आगरा नहीं भेजा था।