नई दिल्ली। यूपी के आजमगढ़ से एक अजीबो-गरीब मामला आया है बीस साल पहले जिस दीपक को सांप काटने से मरा समझ परिजनों ने तमसा नही में बहा दिया था वो शनिवार को अपने गांव लौट आया उसे देखकर पहले तो गांव के लोगों को डाउट हुआ फिर कुछ देर बाद जब सब साफ हो गया कि वहां खुशी की लहर दौड़ गई। मुबारकपुर थाना क्षेत्र में एक गांव पड़ता है पाही यहां गांव में एक अनिल और बिन्दु का अपना छोटा परिवार रहता है उनका 6 साल का बेटा था दीपक ये बात आप को सुनकर कुछ अजीब लगेगा पर ये हकीकत है 20 साल पहले दीपक को सांप ने काट लिया था परिजनों ने झाड़- फूक कराई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ अन्त में लोग उसे मरा हुआ समझ कर लोगों ने केले तने पर रखकर उसे तमसा नदी में बहा दिया।
दीपक की जुबानी उसकी कहानी
26 के दीपक का कहना है कि शुरु का तो पता नहीं लेकिन जब मैंने होश संभाला तो मैं मऊ वनदेवी आश्रम में एक साधु के यहां था। सांप का प्रभाव था या लंबी बेहोशी का असर मुझे कुछ ठीक से याद नहीं था साधु ने ही दीपक को पाला। भजन भाव के अलावा आगे चलकर मैं मजदूरी करने के लिए आसपास के क्षेत्रों में जाने लगा इसी बीच 3 साल पहले उन साधु का निधन हो गया और फिर मैंने आश्रम छोड़कर मुबारकपुर थाना क्षेत्र में आकर मजदूरी करने लगा।
अपनों से ऐसे मिला दीपक
एक दिन मजदूरी करने के दौरान मेरी मुलाकात पाही गांव के ही एक मजदूर राजेन्द्र से हो गई बातों ही बातों में राजेन्द्र ने मुझसे मेंरा घर पूछा तो मैंने उसे वनदेवी आश्रम और उस साधु के साथ रहने की पूरी दास्तां सुना दी। राजेन्द्र को 20 साल पहले की घटना याद आई इसलिए काम खत्म करके वो सीधे दीपक के घर पहुंचा उसने दीपक के पिता अनिल और माता बिन्दू को सारी बात बताई और संभावना व्यक्त की वो उन्हीं का लड़का हो सकता है अगले दिन सभी मुबारकपुर पहुंचे तो दीपक को देखा। मां ने उसके कपड़े उतरवाए उसके पीठ पर बचपन में निशान थे जो निशान आज भी मौजूद हैं।