आम आदमी पार्टी के अंदर मचा घमासान खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। आए दिन कभी अरविंद केजरीवाल के उपर आरोप लगाए जाते हैं तो कभी पार्टी में अच्छी छवि रखने वाले कुमार विश्वास पर बीजेपी का एजेंट होने का आरोप लगाया जाता है। और अब तो ऐसा लगता है कि कुमार विश्वास की मुश्कीलें खत्म होने की बजाए उल्टा बढ़ती ही जा रही है। दरअसल आम आदमी पार्टी के दफ्तर के बाहर अच्छी छवि रखने वाले कुमार विश्सार के खिलाफ पोस्टर चस्पा किए गए हैं। इन पोस्टरों में कुमार विश्वास को गद्दार करार दिया गया है और पार्टी से बेदखल करने की मांग की गई है। पोस्टर में लिखा गया है ‘भाजपा का यार है कवि नहीं गद्दार है’
आए दिन आम आदमी पार्टी में कुछ ना कुछ नया बखेड़ा खड़ा ही हो जाता है। अभी कपिल मिश्रा द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार की बम फोड़ा गया था। कपिल मिश्रा लगातार केजरीवाल पर वार कर रहे हैं। वह केजरीवाल पर शब्दों से हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में जहां आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा समर्थन करने वाले ऑटोरिक्शा वाले भी कपिल मिश्रा के साथ नजर आ रहे है, ऑटो रिक्शा वालों ने कपिल मिश्रा के साथ होकर अपने अपने ऑटो पर केजरीवाल के खिलाफ पोस्टर लगाए है। इन पोस्टरों में केजरीवाल के खिलाफ ऑटो रिक्शा वालों ने वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। तो वही दूसरी तरफ कुमार विश्वास के खिलाफ भी अब पोस्टर वार शुरू हो गया है।
पार्टी में अच्छी छवि बनाने वाले कुमार विश्वास के खिलाफ पार्टी दफ्तर के बाहर पोस्टर चस्पा कर उन्हें गद्दार करार दिया गया है और पार्टी से बेदखल करने की मांग की गई है। पोस्टर में लिखा गया है कि ‘छिप-छिप हमला करता है वार पीठ पर करता है, ऐसे धोखेबाजों को बाहर करो- बाहर करो’ इतना ही नहीं इन पोस्टर में कुमार विश्वास का काला सच बताने के लिए भाई दिलीप पांडे का आभार भी व्यक्त किया गया है। हालांकि इन पोस्टर को जारी करने वाले का अभी तक कोई पता नहीं लग पाया है।
आपको बता दें कि हाल ही में दिलीप पांडे ने कुमार विश्वास के उस बयान में सार्वजनिक तौर पर सफाई मांगी थी जिसमें वह पार्टी कार्यकर्ताओं से राजस्थान में वसुंधरा राजे पर निजी हमले ना करके सरकार पर हमले करने के लिए कह रह हैं। ऐसे में दिलीप पांडे ने ट्वीट कर कुमार विश्वास पर निशाना साधते हुए कांग्रेसियों पर खूब गाली देते मगर राजस्थान में वसुंधरा के खिलाफ नहीं बोलने की बात लिखी गई थी।