नई दिल्ली। पाकिस्तान और भारत के बीच का रिश्ता आज तक कोई समझ नहीं पाया है और शायद कभी कोई समझ भी न पाए। एक तरफ तो पाक हमेशा भारत के खिलाफ नापाक चाले चलता रहता है। वहीं दूसरी तरफ वो अपनी झांकी में भारत के लाल किले को दर्शा कर क्या साबित करना चहाता है। लेकिन कुछ भी हो पाक हमेशा अपनी चाल में खूद ही फंस जाता है और इस बार भी ऐसा ही हुआ। दराअसल चीन के प्रभुत्व वाले शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को शामिल होना था। दोनों देशों की मौजूदगी में बीजिंग में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें दोनों देशों को अपने अपने देश की झांकी पेश करनी थी। दोनों देशों की झांकियां सजाई गई। इस दौरान पाकिस्तान की झांकी कुछ इस तरह दिखाई गयी कि जिससे बवाल मच गया। दराअसल पाक कि झांकी में भारत का लाल किला और उस पर तिरंगा लहराता हुआ दिखाया गया।
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी झांकी में लाल किले को लाहौर के शालीमार गार्डन के रूप में पेश किय गया। इस कार्यक्रम में चीन के विदेश मंत्री वांग यी, चीन में भारतीय राजनयिक विजय गोखले के साथ ही पाकिस्तान के राजदूत मसूद खालिद समेत SCO के अन्य सदस्य शामिल रहे खास बात तो ये थी कि पाक की इस गलती के लिए पाक राजदूत और भारतीय राजदूत दोनों ने ही आयोजकों को उनकी गलती से परिचित कराया।
इसके बाद सभी अधिकारियों ने पाक की गलती पर अफसोस जाहिर किया। उनका कहना है कि झांकियों में इस्तेमाल की गई तस्वीरो पर ध्यान नहीं दिया गया जिसकी वजह से ये गलती हुई है। बिजिंग में ये पहला ऐसा कार्यक्रम हे जिसमें भारत और पाक एक साथ शिरकत कर रहे हैं और अपनी अपनी झांकियां पेश कर रहे हैं। इसके साथ ही बृहस्पतिवार को एससीओ के मुख्यालय पर भारतीय और पाकिस्तान के झंडों को लहराया जाएगा। इसी के साथ कार्यक्रम में झंडा फहराने पर भारतीय राजदूत गोखले और पाकिस्तानी राजदूत खालिद ड्रम बजाएंगे। ज्ञात हो की कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में दोनों देशों को पूर्णकालिक सदस्य बनाया गया था। जबकि इससे पहले चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान देशों ने ही इसमें भाग लिया था।