नई दिल्ली। कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में SCO के शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को इस संगठन में पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। अब तक चीन के प्रभुत्व वाले इस संगठन के 6 देश ही सदस्य थे। अब भारत और पाकिस्तान के आने के बाद इनकी संख्या 8 हो गई है।
इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में बोलते हुए कहा कि इस संगठन में शामिल नेताओं को भविष्य की पीढ़ियों को शांति और मित्रता की विरासत देनी चाहिए। हमें संघर्ष और बैर का धरातल अपनी पीढ़ियों को नहीं देना चाहिए। क्योंकि इसका जहरीला परिणाम आने वाले नस्लों के लिए घातक होगा। इसके साथ ही पीएम शरीफ ने भारत को भी बतौर इस संगठन में सदस्य शामिल किए जाने के लिए बधाई दी है।
जब पीएम नवाज शरीफ यह बातें कर रहे शांति की बातें कर रहे थे। शायद उस वक्त वो भूल गये थे कि बीते दिनों से पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर अशांति का माहौल पैदा भी उन्होने ही किया है। घाटी में हो रही हिंसा और पत्थरबाजी के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेन्सी आईएसआई का हाथ है। लगातार अन्तरराष्ट्रीय मंच पर भारत कई बार पाकिस्तान को उसे प्रायोजित आतंकवाद के लिए सख्त लहजे में बता चुका है। इसके बाद पीएम नवाज ने जब ये बात कही तो वो भूल गये है । भारत ही नही विश्व में जहां भी आंतकवाद आंतक मचा रहा है। उसकी मूल जड़ पाकिस्तान में मौजूद है।
उसके बाद भी नवाज के बोल वचन नहीं रूके उन्होंने संगठन के राष्ट्रों को एक अच्छे पड़ोसी होने के लिए 5 साल के एक संधि प्रस्ताव को भी सुझा दिया। इसके बाद उन्होने एससीओ में पाकिस्तान की भागेदारी के लिए पुरजोर समर्थन करने के लिए रूस, चीन, समेत अन्य देशों का भी धन्यवाद दिया। इसके साथ ही शरीफ ने चीन के वन बेल्ट वन रोड का जिक्र कर एक बार फिर ये साबित करने की कोशिश की कि भारत के साथ उसके रिश्ते तनाव पूर्ण ही रहेंगे। हांलाकि उन्हें ने अपने आप से शांति और मित्रता का संदेश हर पड़ोसी देश को दे दिया जबकि शांति से अशांति फैलाने में पाकिस्तान का स्थान एक नम्बर पर है।